पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के चर्चित बाघ को रेस्क्यू करके उसका उपचार शुरू किया गया है। डाक्टरों के मुताबिक पैर में जख्म बन जाने से ही बाघ को चलने में दिक्कत हो रही थी और वह जंगल के बाहर भी जा रहा था। पिछले 3-4 महीने से पीलीभीत टाइगर रिजर्व जंगल का एक बाघ चर्चा में बना हुआ है। दरअसल एक पैर में दिक्कत होने से इसे चलने में परेशानी हो रही थी और इसका वीडियो देश भर में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सफारी गाड़ी सवार वन्य जीव प्रेमियों द्वारा इस बाघ का वीडियो बनाकर साझा करने से इस प्रकरण को और अधिक हवा मिली थी। अक्सर जंगल से निकलकर खेतों में घूम रहे इस बाघ को
भी खतरा बना हुआ था। इसकी निगरानी के लिए दर्जन भर कैमरे टाइगर रिजर्व प्रशासन ने लगाए थे। गतिविधियों को कैमरों में कैद करने के बाद इसकी रिपोर्ट भेजी गई थी। आला अधिकारियों के आदेश पर टाइगर रिजर्व प्रशासन द्वारा एक दिन पूर्व इस बाघ को ट्रकुलाइज करके पिंजरे में बंद कर लिया गया था। तब से इसे सेफ हाउस में रखकर इसका उपचार किया जा रहा है। टाइगर रिजर्व के पशु चिकित्सा डाक्टर दक्ष गंगवार और उनकी टीम ने इस बाघ का उपचार शुरू किया है। उन्होंने बताया कि बाघ के पैर में घाव बनने से उसे चलने में दिक्कत हुई है, इस घाव का उपचार शुरू किया गया है। घाव ठीक होने के बाद रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाएगी।
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