वर्ल्ड फूड प्रोग्राम' को इस साल का 'नोबेल शांति पुरस्कार

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वर्ल्ड फूड प्रोग्राम' को इस साल का 'नोबेल शांति पुरस्कार

Gauri Manjeet Singh 09-10-2020 14:40:22

नई दिल्ली,Localnewsofindi- नार्वे की नोबेल कमिटी ने शुक्रवार को इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार से वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) को सम्मानित किया। इस संस्था द्वारा भूख से निपटने के लिए किए गए उल्लेखनीय प्रयासों के तहत यह सम्मान दिया गया है। इस साल नोबेल शांति पुरस्कार का सम्मान पाने के लिए 300 से भी अधिक व्यक्तियों और संस्थाओं को नामांकित किया गया था। यह चौथी बार है जब इतनी बड़ी संख्या में इस सम्मान के लिए नामांकन हुआ है। 

विश्व खाद्य कार्यक्रम (World Food Programme, WFP)

विश्‍व खाद्य कार्यक्रम यानि WFP भुखमरी मिटाने और खाद्य सुरक्षा पर केंद्रित संयुक्त राज्य एजेंसी है। दुनिया भर में जरूरतमंदों तक पहुंच यह खाद्य सामग्री उपलब्ध कराती है। गृह युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं जैसे आपात स्थितियों में यह काफी सक्रिय होती है। 

अवार्ड के लिए कतार में पहला नाम विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) वहीं एक्सपर्ट की ओर से क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग (climate activist Greta Thunberg) या प्रेस फ्रीडम ग्रुपों की मजबूत दावेदारी मानी जा रही है। 

नोबेल शांति पुरस्कार के लिए कुल 318  नाम लिस्ट में शामिल हैं। हालांकि न तो नॉमिनेटर्स के नामों का खुलासा किया गयाहै और न ही नॉमिनी का। बता दें कि इस पुरस्कार के लिए नामांकन कोई भी भेज सकता है और नोबेल कमिटी की ओर से इसके लिए कोई औपचारिक सूची जारी नहीं करती है। नॉर्वे की कमिटी इन नामों पर चर्चा के बाद विजेता का चुनाव करती है। पिछले साल इथियोपिया के प्रधानमंत्री एबी अहमद अली ( Abiy Ahmed Ali) को 2019 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला था। पड़ोसी एरिट्रिया (Eritrea) के साथ सीमा विवाद का हल करने के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया था। 2021 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड  ट्रंप का नाम भेजा गया है। इससे पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को भी वर्ष 2009 में  सम्मानित किया गया था। 

 इस साल के नामों कि
लिस्ट में शीर्ष पर हैं - 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) 

महामारी कोविड-19 की चपेट में वर्ष 2020 के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की दावेदारी इस पुरस्कार के लिए काफी मजबूत है।  वैश्विक स्वास्थ्य के रख रखाव के लिए 1948 में संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी WHO का गठन हुआ था। इसके 7000 से अधिक लोग 150 देशों के ऑफिस, 6 रीजनल ऑफिस और इसके जेनेवा हेडक्वार्टर में काम करते हैं। 

ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) 

लगातार दूसरे साल स्वीडिश जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को इस सम्मान के लिए नामित किया गया है। स्वीडिश सांसदों ने 17 वर्षीय थनबर्ग का नाम उनके प्रयासों को देखते हुए आगे बढ़ाया है। थनबर्ग ने सांसदों से जलवायु संबंधित प्रभावी कार्रवाई करने की मांग की और युवाओं को प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित किया। 

जेसिंडा आर्डर्न (Jacinda Ardern) 

2020 के लिए नोबेल शांति पुरस्कार पाने वालों की लिस्ट के  शीर्ष तीन नामों में से एक न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न (Jacinda Ardern) का नाम है। 2019 में चर्च पर हुए आतंकी हमले के साथ-साथ कोविड-19 से लड़ने में प्रधानमंत्री आर्डर्न के रेस्पांस के बाद उनका नाम इस सम्मान के लिए आगे भेजा गया है।  

स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की पांचवी पुण्यतिथि से हर साल 10 दिसंबर को विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए यह सम्मान दिया जाता है। अल्फ्रेड नोबेल ने विस्फोटक डायनामाइट का अविष्कार किया था। अपने अविष्कार के युद्ध में इस्तेमाल होने की वजह से वह काफी दुखी थे। इसी के प्रायश्चित के रूप में उन्होंने अपनी वसीयत में नोबेल पुरस्कारों की व्यवस्था की थी। उन्होंने अपनी वसीयत में लिखा था कि उनकी संपत्ति का अधिकांश हिस्सा एक फंड में रखा जाए और उसके सालाना ब्याज से मानवजाति के लिए उत्कृष्ट योगदान देने वालों को सम्मानित किया जाए। पहला नोबेल पुरस्कार साल 1901 में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मेडिसिन, लिटरेचर और शांति के क्षेत्र में दिए गए थे। यह अल्फ्रेड नोबेल की पांचवी पुण्यतिथि थी। 

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