पटना, 23 अप्रैल (पीबीएनएस): जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर तंज कसते हुए कहा कि बिहार में हम 40 हजार करोड़ रुपए हर साल शिक्षा पर खर्च कर रहे हैं। इससे 40 बच्चे भी अच्छे से पढ़कर नहीं निकल पा रहे हैं। बिहार के गांव-देहात, प्रखंड में ऐसे स्कूल थे जहां से लोग पढ़कर बाहर निकलते थे और बहुत ऊंचाइयों पर गए। इसी बिहार में नेतरहाट, लंगट सिंह कॉलेज, पटना साइंस कॉलेज, पटना कॉलेज के साथ ऐसे दस से भी अधिक इंस्टीट्यूशन थे। इनसे बढ़कर हर प्रखंड में एक से दो ऐसे विद्यालय ऐसे
थे जहां से पढ़कर लोग अपना जीवन बना पाते थे। प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि अभी सरकार का जो प्रयास है कि अधिकारी सभी शिक्षकों को स्कूल में बैठा रहे हैं। अगर, शिक्षक स्कूल में बैठ भी जाए, तो उसे पढ़ाने के लिए आप कैसे मजबूर करेंगे। गांव में शिक्षक के रहने की व्यवस्था ही नहीं है, उसके खुद के बच्चे के बीमार पड़ने पर इलाज की व्यवस्था ही नहीं है, तो भला वो वहां रहेगा कैसे? शिक्षा व स्वास्थ्य दोनों ही क्षेत्रों में बेहतर यही होगा कि आप दो ही स्कूल या अस्पताल खोलें, लेकिन उसे अच्छे से चलाएं।
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