पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व विधायक डॉ. अयूब पर विवादित पोस्टर मामले में एनएसए की कार्रवाई की गई है। डॉ. अयूब के खिलाफ धार्मिक भावना भड़काने, सेवन सीएलए और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था। पुलिस ने उन्हें बड़हलगंज स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया था।
आपको बता दें कि डॉ. अयूब ने विज्ञापन प्रकाशित कराकर मौलानाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। 31 जुलाई को सोशल मीडिया पर विज्ञापन वायरल होने के बाद लखनऊ पुलिस ने संज्ञान लिया। अधिकारियों के निर्देश पर हजरतगंज थाने के दारुलसफा चौकी प्रभारी कृष्णकांत सिंह ने डॉ. अयूब के खिलाफ धार्मिक भावना भड़काने की कोशिश करने, सेवन सीएलए और 66 आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया।
इसके बाद एसएसपी के निर्देश पर सीओ गोला श्यामदेव, बड़हलगंज कोतवाली प्रभारी राणा देवेन्द्र प्रताप सिंह ने लखनऊ पुलिस के साथ छापा डाल 31 जुलाई की रात नौ
बजे के करीब डॉ. आयूब को बड़हलगंज कस्बे में स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद डॉ. अयूब को लखनऊ पुलिस को सौंपा गया।
इन धाराओं में हुआ था केस
क्राइम नम्बर 203/20 धारा 153(ए) / 505(2) आईपीसी, 7सीएलए और 66 आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।
क्या है धारा 505 की उपधारा 2
विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घॄणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने के आशय से झूठे बयान आदि फैलाना. शत्रुता, घॄणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने के आशय से पूजा के स्थान आदि में झूठे बयान या भाषण आदि देना। यह गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध है।
153 ए
धर्म नस्ल जन्म निवास स्थान और भाषा के आधार पर विभिन्न समूह में शत्रुता पैदा करना और सद्भावना को हानि पहुंचाने के लिए पूर्वाग्रह का इस्तेमाल करने में इस धारा का इस्तेमाल किया जाता है।
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