नई दिल्ली,Localnewsofindia-मध्य प्रदेश के नदी संरक्षण न्यास के अध्यक्ष रहे कंप्यूटर बाबा को गिरफ्तारी से राहत नहीं मिल पाई है। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के अनुविभागीय दंडाधिकारी (एसडीएम) ने नामदेव दास त्यागी उर्फ कम्प्यूटर बाबा का जमानत आवेदन निरस्त कर दिया है। एसडीएम राजेश राठौर ने कंप्यूटर बाबा की ओर से पेश जमानत आवेदन पर सुनवाई के बाद उसे निरस्त कर दिया। दरअसल, कंप्यूटर बाबा 08 नवंबर से जेल में बंद हैं। जिला प्रशासन ने उनके आश्रम और अन्य स्थानों से अतिक्रमण हटाने के दौरान शांति भंग करने की आशंका के चलते कंप्यूटर बाबा को गिरफ्तार किया था। तब से वे जेल में हैं। वहीं प्रशासन ने उनके आश्रम और अन्य स्थानों से अतिक्रमण हटा दिया है।
गौरतलब है कि इंदौर शहर से सटे जम्बूर्डी हप्सी गांव में कथित सरकारी जमीन पर
बने कंप्यूटर बाबा के अवैध आश्रम को जमींदोज किए जाने के साथ ही इस धार्मिक हस्ती समेत सात लोगों को रविवार को एहतियातन गिरफ्तार किया गया और जेल भेज दिया गया था। केवल 15 महीने चल सकी पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार ने कंप्यूटर बाबा को राज्य मंत्री का दर्जा देते हुए नर्मदा, क्षिप्रा और मन्दाकिनी नदियों के संरक्षण के लिये गठित न्यास का अध्यक्ष बनाया था।
इससे पहले, सूबे की तत्कालीन भाजपा सरकार ने भी कंप्यूटर बाबा को अप्रैल 2018 में राज्य मंत्री का दर्जा दिया था। लेकिन उन्होंने इसके कुछ ही समय बाद यह आरोप लगाते हुए इस दर्जे से इस्तीफा दे दिया था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा को स्वच्छ रखने और इस नदी से अवैध रेत खनन पर रोक लगाने के मामले में संत समुदाय से “वादाखिलाफी” की है।
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