नई दिल्ली - लोकसभा चुनाव के लिहाज से उत्तर प्रदेश हर पार्टी के लिए सबसे महत्वपूर्ण राज्य है. इस वजह से बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों यूपी में मोर्चा बंदी करने का प्रयास कर रहे हैं. खास तौर पर समाजवादी पार्टी गठबंधन के साथ कई दल जुड़ रहे हैं. इस गठबंधन में अब अखिलेश यादव के साथ नीतीश कुमार के भी जुड़ने की चर्चा है.दरअसल, इस चर्चा की शुरुआत जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के बयान से हुई थी. बीते दिनों ललन सिंह ने लोकसभा चुनाव में जेडीयू के सपा गठबंधन के साथ जाने के संकेत दिए थे. जिसके बाद जयंत चौधरी और अखिलेश यादव ने भी इसपर प्रतिक्रिया दी. इस बीच जेडीयू ने यूपी में एक बड़ा बदलाव किया और राज्य में केसी त्यागी की जगह पर धनंजय सिंह को जेडीयू का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया.
दरअसल, धनंजय सिंह दो बार विधायक और एक बार जौनपुर से सांसद भी रह चुके हैं.
धनंजय सिंह को जिम्मेदारी देने के फैसले को पूर्वांचल में जेडीयू के विस्तार से जोड़ कर देखा जा रहा है. अगर जेडीयू सपा गठबंधन के साथ जाती है तो पूर्वांचल में धनंजय सिंह सपा गठबंधन के लिए काम करेंगे. इसकी गिनती राज्य के बड़े बाहुबलियों में होती है. खास बात ये है कि बीते लोकसभा चुनावों में पूर्वांचल बीजेपी का गढ़ रहा है.
हालांकि नीतीश कुमार और अखिलेश यादव को सपा विधायक और अपना दल कामरेवादी की नेता पल्लवी पटेल का भी पूरा साथ मिल रहा है. बीते दिनों पल्लवी पटेल बिहार के दौरे पर गई थीं. तब उनकी मुलाकात नीतीश कुमार से हुई थी. उस दौरान ललन सिंह भी वहां मौजूद थे. ऐसे में अगर नीतीश कुमार यूपी में भी बीजेपी के खिलाफ सियासी जंग छेड़ते हैं तो पल्लवी पटेल का पूरा साथ मिलेगा. हालांकि अभी तक गठबंधन को लेकर कोई एलान नहीं हुआ है. लेकिन ये सभी नेता थर्ड फ्रंट बनाने का प्रयास हुआ है
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