किऊल नदी का कछार और चुनावी बयार। इसी बयार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को बदलाव की बयार का पैमाना माना। अनुनय के साथ राष्ट्र की बढ़ी ताकत का बखूबी एहसास करा बयार को तूफान में बदलने की कोशिश की। इसके लिए उन्होंने विरोधियों पर प्रहार करने से लेकर विकास का एजेंडा, देश की एकता, अखंडता तथा संप्रभुता के साथ-साथ अपनापन के भाव का सहारा लिया।
राम मंदिर पर ज्यादा फोकस नहीं रहा
नोटिस करने वाली बात यह थी कि जिस राम मंदिर के सहारे भारतीय जनता पार्टी की बुनियाद खड़ी हुई, उसी राम मंदिर के निर्माण का श्रेय लेने की बहुत ज्यादा कोशिश नहीं दिखी। यहां उन्होंने नक्सलवाद पर भी प्रहार किया और बताया कि कैसे विकास के हाईवे पर तेज रफ्तार के आगे नक्सलवाद ने दम तोड़ा है।
40 सीटें एनडीए की झोली में जाएंगी: पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी अपने अंदाज में संबोधन की शुरुआत स्थानीय भाषा में करते हुए गिद्धौर की मां दुर्गा तथा धनेश्वर धाम का जयकारा लगाया और परिवर्तन के संदेशवाहक भगवान महावीर की धरती को पहले नमन किया। फिर भीड़ को शुभ संकेत मानते हुए चुनावी सभा को विजय सभा का नाम दिया। मोदी यहीं नहीं रुके। कहा, जनसैलाब का मूड बता रहा है कि जमुई, नवादा, मुंगेर और बांका सहित बिहार की सभी 40 सीटें राजग की झोली में जाएंगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फिर एक बार और भीड़ से आई आवाज मोदी सरकार...।
रामविलास पासवान को याद कर भावुक हुए पीएम मोदी
पूर्व मंत्री रामविलास पासवान को याद कर वे भावुक हो जाते हैं। इसी दर्द के माध्यम से दलित वोटों की राजनीति को साधते हुए आगे बढ़ते हैं। कहते हैं कि उन्हें संतोष है कि उनके विचार को चिराग गंभीरता से आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन 19 अप्रैल को आप जो समर्थन देंगे, वही रामविलास पासवान के संकल्पों को मजबूती प्रदान करेगा।
इस भावुक पल से निकलते ही प्रधानमंत्री कांग्रेस और राजद पर हमलावर मोड में आ जाते हैं। बिहार की धरती को दुनिया को दिशा दिखने
वाला बताते हुए कहते हैं कि इस धरती के साथ आजादी के बाद शासन करने वाले लोगों ने न्याय नहीं किया। 2005 में एनडीए ने बिहार को दलदल से बाहर निकाला।
इसमें नीतीश कुमार की भूमिका को उन्होंने रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने 2024 के चुनाव को भविष्य के लिए निर्णायक और विकसित भारत के संकल्प को मजबूत करने का चुनाव बताते हैं। विकास के दायरे से बाहर निकलते हुए प्रधानमंत्री राष्ट्रवाद का बोध करने में भी नहीं चूके।
पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कांग्रेस पर हमला किया और अपने चिर परिचित अंदाज में भीड़ से मुखातिब होते हैं। कहते हैं-ऐसे नहीं चलेगा....। बताया कि अशोक सम्राट और चंद्रगुप्त का भारत अब कैसे दुनिया को दिशा दे रहा है।
भारत की साथ बढ़ाने का भी एहसास कराया
भारत की साख और हैसियत बढ़ाने का भी एहसास उन्होंने अपने अंदाज में कराया। चंद्रमा पर चंद्रयान और तिरंगा पहुंचने से लेकर अर्थव्यवस्था मजबूत होने की चर्चा की। जी 20 की दुनिया में चर्चा होने के पीछे की सफलता का हकदार देशवासियों को बता कर उन्होंने खूब तालियां बटोंरी।
जमुई की पहचान को राजद पर विकृत करने का आरोप मढ़ते हुए बताया कि कैसे अपहरण उद्योग फल फूल रहा था। सड़क की जगह खाई ने ले ली थी। जमीन और बेटी की सुरक्षा की चिंता लोगों को रहती थी।
नक्सलवाद पर भी किया चोट
अब विकास के हाईवे पर तेज रफ्तार के आगे नक्सलवाद दम तोड़ चुका है। भटक चुके लोगों को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है। पटना-कोलकाता एक्सप्रेस वे की भी चर्चा कर भविष्य की योजना बता गए। जमुई की प्राकृतिक सुंदरता से अभिभूत मोदी ने पर्यटन की संभावना की गारंटी देने की कोशिश की।
प्रधानमंत्री ने गरीबों, किसानों और नौजवानों को कनेक्ट करने की कोशिश संचालित योजनाओं के माध्यम से की और बताया कि कैसे डीबीटी के माध्यम से उन्होंने भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसने का काम किया है। उन्होंने यह भी बताया कि देशवासियों का सपना ही उनका संकल्प है। प्रधानमंत्री ने घर-घर तक अपना प्रणाम पहुंचने का टास्क भीड़ को दिया।
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