सिमरन सिंह लोकल न्यूज़ ऑफ़ इंडिया, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को राजस्थान के सीकर में पीएम-किसान स्कीम की 14वीं किस्त एक कार्यक्रम में जारी करने वाले थे. लेकिन उसके कुछ घंटे पहले ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने उस प्रोग्राम में उनके तीन मिनट के संबोधन को हटा दिया.
अशोक गहलोत के इस आरोप पर पीएमओ का तत्काल जवाब आया.
पीएमओ ने अपने जवाब में कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आमंत्रित थे और उनको संबोधित करने का वक़्त भी मिला था लेकिन उनके दफ़्तर ने कहा कि मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में शामिल होने में असमर्थ हैं.
अशोक गहलोत ने पीएमओ को फिर जवाब दिया और कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय को तथ्य पता नहीं हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके दफ़्तर ने पीएमओ को सूचित किया था कि पैर में चोट लगने के कारण वह वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए इसमें शामिल होंगे.
गहलोत ने कहा, ''भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय से भेजे गए प्रस्तावित मिनट टू मिनट कार्यक्रम में मेरा संबोधन रखा गया था. कल रात को मुझे पुन: अवगत करवाया गया कि मेरा संबोधन नहीं होगा. मेरे कार्यालय ने भारत सरकार को अवगत करवाया था कि डॉक्टर्स की राय के अनुसार, पैर में लगी चोट के कारण मैं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कार्यक्रम में शामिल रहूंगा और मेरे मंत्रिगण कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे.''
गहलोत ने कहा, ''अभी भी मैं राजस्थान के हित के इस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नॉन इनटरेक्टिव मोड पर शामिल रहूंगा. आपके संज्ञान के लिए पूर्व में प्राप्त मिनट टू मिनट एवं मेरे कार्यालय से भेजा गया पत्र साझा कर रहा हूँ.''
गहलोत के पहले ट्वीट के जवाब में पीएमओ ने कहा था, '''प्रोटोकॉल के अनुसार, आपको विधिवत आमंत्रित किया गया था और आपका भाषण भी रखा गया था. लेकिन आपके ऑफिस ने बताया कि आप शामिल नहीं हो पाएंगे. प्रधानमंत्री मोदी की पिछली यात्राओं के दौरान भी आपको हमेशा आमंत्रित किया गया है और आपकी गरिमामयी उपस्थिति भी रही है.''
पीएमओ ने कहा, ''आज के कार्यक्रम में भी आपका बहुत-बहुत स्वागत है. विकास कार्यों से जुड़ी पट्टिका पर आपका नाम भी प्रमुखता से अंकित है. हाल में आपको लगी चोट की वजह से अगर कोई शारीरिक परेशानी ना हो, तो कार्यक्रम में आप जरूर शामिल हों और इसकी शोभा बढ़ाएं.''
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीकर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए और उन्होंने अशोक गहलोत के
नहीं आने का भी ज़िक्र किया.
पीएम मोदी ने कहा, ''अशोक गहलोत जी कुछ दिनों से स्वस्थ नहीं हैं. उन्हें पैर में चोट लगी है. उम्मीद थी कि वह इस कार्यक्रम में शामिल होंगे लेकिन मुश्किलों की वजह से नहीं आ पाए. मैं उनकी अच्छी सेहत की कामना करता हूँ और राजस्थान के लोगों को विकास की परियोजनाएं के लिए बधाई देता हूँ.
इस साल प्रधानमंत्री मोदी का कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान का यह सातवां दौरा था.
इस साल के आख़िर में राजस्थान में विधानसभा चुनाव है. 20 जुलाई को संसद के मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी मीडिया से मुख़ातिब हुए थे.
तब उन्होंने मणिपुर में जारी हिंसा पर पहली बार कुछ कहा था. इस दौरान उन्होंने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी महिलाओं के ख़िलाफ़ यौन हमले का ज़िक्र किया था.
अशोक गहलोत को यह टिप्पणी रास नहीं आई थी.
गहलोत ने कहा था कि मणिपुर की गंभीरता को कम करने के लिए पीएम जानबूझकर राजस्थान का नाम ले रहे हैं.
कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री उन इलाक़ों का दौरा ज़्यादा कर रहे हैं, जहाँ बीजेपी कमज़ोर है.
सीकर की आठ विधानसभा सीटों में बीजेपी के पास एक भी नहीं है. यहां से कांग्रेस के सात विधायक हैं और एक निर्दलीय विधायक है.
पीएम मोदी ने अपने भाषण में गहलोत सरकार पर निशाना भी साधा.
प्रधानमंत्री ने कहा, ''कांग्रेस के बड़े से बड़े नेताओं की इस 'लाल डायरी' का नाम सुनते ही बोलती बंद हो रही है. ये लोग भले ही मुँह पर ताला लगा लें, लेकिन ये 'लाल डायरी' इस चुनाव में कांग्रेस का डिब्बा गोल करने जा रही है.''
''कांग्रेस ने राजस्थान में सरकार चलाने के नाम पर सिर्फ़ लूट की दुकान चलाई है और झूठ का बाज़ार चलाया है. झूठ की दुकान का सबसे ताज़ा प्रोजेक्ट है, राजस्थान की 'लाल डायरी'. कहते हैं इस 'लाल डायरी' में कांग्रेस सरकार के काले कारनामे दर्ज हैं. लोग कह रहे हैं कि 'लाल डायरी' के पन्ने खुले तो अच्छे-अच्छे निपट जाएंगे.''
दरअसल, राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार से बर्ख़ास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा लाल डायरी दिखा रहे हैं.
राजेंद्र गुढ़ा कुछ दिनों पहले राजस्थान विधानसभा में लाल डायरी लेकर पहुँचे थे और उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर गंभीर आरोप लगाए थे.
राजेंद्र गुढ़ा के आरोपों ने कांग्रेस की चिंताएँ बढ़ा दी हैं. राज्य कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी मान रहे हैं कि इन आरोपों से सरकार की छवि को धक्का लगा है.
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