अंजलि यादव
लोकल न्यूज़ ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: अवैध निर्माण मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद को कोर्ट ने कोई भी राहत से मना कर दिया है. सोनू सूद की याचिका को खारिज करते हुए जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, "बॉल अब BMC के पाले में है." बता दें कि सोनू सूद के लॉयर अमोघ सिंह ने बीएमसी के आदेश से इतर कोर्ट से कम से कम 10 दिन का समय मांगा था जिसके बारे में जस्टिस चव्हाण ने कहा, "आप बहुत लेट हैं. आपके पास इसके लिए पर्याप्त अवसर था. कानून उनकी मदद करता है जो मेहनती हैं."
मालूम हो कि सोनू सूद की इमारत शक्ति सागर बीएमसी द्वारा लिए गए डिमोलिशन एक्शन का सामना कर रही है. सोनू और उनकी पत्नी सोनाली ने इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया था जिसके बाद दिनदोशी सिविल कोर्ट ने उनकी राहत याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले की विस्तृत कॉपी बाद में जारी की जाएगी लेकिन तब तक हम यहां आपको बता रहे हैं कि कोर्ट में क्या बहस हुई.
1992 से मौजूद है इमारत
सुनवाई के दौरान सोनू सूद के वकील अमोघ सिंह ने दलील रखी कि बीएमसी द्वारा भेजे गए नोटिस में ये जिक्र नहीं किया गया है कि किस फ्लोर पर अवैध
निर्माण किया गया है, कोई डाइमेंशन मेंशन नहीं किया गया है. वो इमारत वहां पर साल 1992 से मौजूद है. वो पूरी इमारत को नहीं गिरा सकते हैं. उन्होंने ये जिक्र नहीं किया है कि इसमें क्या है जो अवैध है और इसीलिए हमने ये दलील रखी है कि ये नोटिस आवेग में दिया गया है. हमारा कहना है कि नोटिस बहुत स्पेसिफिक होना चाहिए. ताकि हम जान सकें कि किस तरह कदम उठाना है.
BMC ने नहीं दिया कोई जवाब
सोनू के वकील ने ये भी बताया कि किस तरह बीएमसी ने नोटिस पर उनके जवाब पर प्रतिक्रिया दी. सिंह ने बताया, "जब हमने BMC के नोटिस का जवाब दिया तो क्या बीएमसी एक स्पीकिंग ऑर्डर पास नहीं कर सकती थी? हमने एक विस्तृत जवाब दिया था. बीएमसी ने अन्य मामलों में बोलने के आदेश दिए हैं. वे एक स्पीकिंग ऑर्डर कैसे नहीं दे सकते? इस मामले में हमें ही अलग क्यों किया जा रहा है? हमने ऐसा क्या किया है?"
लिया था बिल्डिंग के लिए अप्रूवल
सिंह ने बताया कि ग्राउंड फ्लोर पर भी रेस्टोरेंट मौजूद हैं और उनके लाइसेंस हमारे पास पहले से मौजूद हैं. बाकी की इमारत के लिए हमारे पास फायर डिपार्टमेंट का अप्रूवल है. इसके अलावा कोविड के समय के चलते इस इमारत को पुलिस वालों के ठहरने के लिए भी इस्तेमाल किया गया है.
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