अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
मुंबई: बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद फिल्म इंडस्ट्री
में कई मुद्दों पर बहस छिड़ी हुई है. इनमें नोपोटिज्म का मुद्दों भी काफी चर्चा में हैं. एक्टर
के निधन के बाद लगाता कई स्टार्स सामने आकर इस पर खुलकर बात कर रहे हैं. वहीं
देखा जाए तो एंटरटेन इंडस्ट्री में नेपोटिज्म, भाई-भतीजावाद का मुद्दा अक्सर चर्चा में रहता है. वहीं अब
इस पर फेमस टीवी शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा के जेठा लाल यानी दिलीप जोशी ने भी
अपना रिएक्शन दिया है. उन्होंने खुलकर नेपोटिज्म पर अपनी बात रखी है.
कभी नेपोटिज्म का नहीं करना पड़ा सामना
एक्टर दिलीप जोशी ने हाल ही में एक इंटरव्यू
में इस पर बात की है. दिलीप ने बताया कि उन्हें अपने करियर में कभी नेपोटिज्म का सामना
नहीं करना पड़ा. उन्होंने कहा, ‘ये हमारा कल्चर
है हमारी संस्कृति है. अगर कोई व्यापारी है, उसने
अपना काम धंधा जमाया है और उसका बेटा उसमें
शामिल होना चाहता है तो वो निश्चित रूप
से अपने पिता के धंधे को ज्वाइन करेगा.’ लेकिन इसी इंटरव्यू में उन्होंने
बातचीत में ये भी कहा कि अगर कोई टैलेंटेड है तो उसे भी मौका मिलना चाहिए, भले ही उसका फिल्मी बैकग्राउंड से कोई नाता हो या नहीं. ये
इंडस्ट्री सबको मौका देती है.
शो की गिरती टीआरपी को लेकर भी की बात
आपको बता दें कि हाल ही में एक दूसरे इंटरव्यू
में दिलीप जोशी ने शो की गिरती टीआरपी को लेकर भी बात की थी.
उन्होंने कहा था कि समय के साथ तारक
मेहता का उल्टा चश्मा की राइटिंग पर काफी बुरा असर पड़ा है.
उन्होंने ये भी कहा था कि शो के राइटर्स पर काफी प्रैशर होता है. राइटर्स
को रोज ही एक नए एपिसोड के लिए स्क्रिप्ट लिखनी होती है. यही वजह है कि उनकी राइटिंग की क्वालिटी पर इसका असर पड़ता है. साथ ही उन्होंने स्टैंड
अप कॉमेडियन सौरभ पंत से बात करते हुए कहा था कि अगर आप क्वॉन्टिटी देखते हैं तो
कहीं ना कहीं क्वालिटी पर इसका असर पड़ता है.
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