यूपीपीसीएल के पीएफ घोटाले में यूपी पावर सेक्टर इम्प्लाइज ट्रस्ट के तत्कालीन सचिव पीके गुप्ता और तत्कालीन वित्त निदेशक सुधांशु द्विवेदी को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। बुधवार को दोनों को रिमांड पर भेजने के लिए सुनवाई में यह फैसला लिया गया।
बता दें कि पीएफ के पैसे को डीएचएफएल (दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड) में निवेश करने के लिए जो निर्णय लिया गया उस बैठक में बतौर चेयरमैन संजय अग्रवाल, एमडी एपी मिश्रा, निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी, निदेशक (कार्मिक प्रबंधन एवं प्रशासन) सत्य प्रकाश पांडेय और सचिव पीके गुप्ता शामिल हुए थे।
इसके पहले मंगलवार को तड़के यूपी पावर कार्पोरेशन (यूपीपीसीएल) के पूर्व एमडी अयोध्या प्रसाद मिश्रा को पुलिस ने उनके आवास से तड़के साढ़े तीन बजे हिरासत में ले
लिया। एपी मिश्रा से दिन में कई राउंड ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने पूछताछ की। ईओडब्ल्यू के डीजी आरपी सिंह ने बताया कि यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। पूछताछ और दस्तावेजों के आधार पर प्रथम दृष्टया उनकी संलिप्तता पाई जा रही है। उन्होंने बताया कि एपी मिश्रा का आमना-सामना पीके गुप्ता और सुधांशु द्विवेदी से कराया जाएगा।
शुरुआती पूछताछ में जो बातें एपी मिश्रा ने बताई उनका मिलान अभिलेखों से किया जा रहा है। अभिलेखों में छेड़छाड़ के सुबूत भी मिले हैं। आरपी सिंह ने बताया कि दिसंबर 2016 तक राष्ट्रीयकृत बैंकों की एफडी में ही पीएफ की धनराशि का निवेश किया जा रहा था। दिसंबर 2016 में पीएनबी हाउसिंग को फंड देने का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया, जो नियम विरुद्घ था।
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