अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: दो बार ओलिंपिक में मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करने वाले पहलवान सुशील कुमार सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं. मैदान पर अपना खून पसीना बहाकर बुलंदियों पर पहुंचने वाले सुशील ने बीजिंग और लंदन ओलिंपिक में देश के हर खेल प्रेमी का सिर गर्व से ऊपर कर दिया था. उनकी इस मेहनत को हर किसी ने सम्मान भी दिया. उनके खून पसीने को सम्मान पद्म अवॉर्ड के रूप में उन्हें मिला. मगर अब उन्होंने उसी सम्मान को किसी और का खून बहाकर लगभग गंवा दिया है.
सुशील कुमार 23 साल के पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के आरोप में सलाखों के पीछे हैं. उन्हें 6 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया. सुशील की इस हरकत से पूरे देश को झटका लगा है और अब उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की
जा रही है. इस बीच यह भी मांग की जा रही है कि उनसे सभी सम्मान वापस ले लिए जाए. जिसमें पद्म अवॉर्ड भी वापस लेने की मांग की जा रही है. ऐसे में अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या उनसे यह बड़ा सम्मान वापस ले लिया जाएगा.
किसी भी तरह की जल्दबाजी में नहीं सरकार
मिली जानकारी के अनुसार सरकार इस मामले में किसी भी तरह की जल्दबाजी में नहीं हैं. हालांकि इस अवॉर्ड को कैंसिल करने का कोई स्पष्ट नियम नहीं है. पद्म अवॉर्ड स्कीम के अनुसार राष्ट्रपति किसी भी व्यक्ति के अलंकरण को रद्द कर सकते हैं और उनके बाद उसका नाम रजिस्टर से हटाया जा सकता है. इसके बाद उसे अलंकरण और सनद सरेंडर करना होगा. स्कीम के अनुसार राष्ट्रपति अलंकरण और सनद को बहाल करने, रद्द करने और रद्द करने के आदेश को वापस लेने के लिए सक्षम हैं.
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