अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: टोक्यो ओलंपिक में आज का दिन भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ है. आज भारतीय हॉकी महिला टीम ऑस्ट्रेलिया से सेमीफाइनल में सोमवार को हुए क्वार्टर फाइनल मुकाबले में तीन बार की गोल्ड मेडलिस्ट रही आस्ट्रेलियाई टीम को हराकर सेमीफाइनल में जगह बना ली है. भारतीय महिलाएं पहली बार ओलंपिक खेलों के सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास रचने में सफल हुई हैं.
वहीं बॉक्सिंग में पूजा रानी मैच में जीतने का लक्ष्य लेकर मैदान में उतरेंगी. पूजा रानी के सामने चीनी बॉक्सर ली क्यू होंगी. ली क्यू साल 2016 के रियो ओलंपिक में ब्रोंज मेडल जीत चुकी हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने महिला हॉकी टीम को दी बधाई
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने महिला हॉकी टीम को इस शानदार जीत के लिए बधाई दी है. मंडाविया ने कहा, "भारतीय महिला हॉकी टीम ने आज टोक्यो में इतिहास रच दिया है. यह पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण है. मैं पूरी महिला हॉकी टीम को इस शानदार जीत पर बधाई एवं सेमीफाइनल के लिए शुभकामनाएं देता हूं."
दुनिया की 9वें नंबर की भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को हराया
दुनिया की नौवें नंबर की भारतीय टीम ने तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए दुनिया की नंबर-2 ऑस्ट्रेलिया को हराया और पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची. भारत अपने तीसरे ओलंपिक में खेल रहा है. मास्को (1980) के 36 साल के बाद उसने रियो ओलंपिक (2016) के लिए क्वालीफाई किया था. मास्को ओलंपिक में
महिला हॉकी टूर्नामेंट 25 जुलाई से शुरू होकर 31 जुलाई तक चला था. इसमें सिर्फ छह टीमों ने हिस्सा लिया था.
सेमीफाइनल में बनाई जगह
भारतीय महिलाओं ने पहले क्वार्टर में ही आस्ट्रेलिया पर दवाब बना दिया था. फिर दूसरे क्वार्टर नें गोल होने के बाद खिलाड़ियों ने विरोधियों को वापसी करने का कोई माैका नहीं दिया. पूरे मैच में आस्ट्रेलिया ने 7 बार पेलन्टी काॅर्नर हासिल किए, लेकिन वह गोल करने में नाकाम रहीं. पहले हाफ में पिछड़ी ऑस्ट्रेलिया की टीम ने तीसरे क्वार्टर में अब तक आक्रामक रुख दिखाया. इसके चलते उन्हें मैच के 34वें मिनट में दो लगातार पेनाल्टी कार्नर भी हासिल हुए लेकिन भारतीय गोलकीपर सवीता पूनिया ने गोल होने नहीं दिया. तीसरे-चाैथे क्वार्टर में आस्ट्रिलिया की खिलाड़ियों को गोल करने का माैका नहीं मिल सका. यह आस्ट्रेलिया को बड़ा झटका है, क्योंकि वह सबसे मजबूत टीम मानी जा रही थी. लेकिन भारतीय महिलाओं ने उनका मेडल जीतने का सपना तोड़ इतिहास रच दिया है. ओलिंपिक में महिला हॉकी की शुरुआत 1980 में हुई थी. उस समय टीम का सफर चाैथे स्थान पर रहकर समाप्त हुआ था और मेडल जीतने से बस एक स्थान से जीतने से चूक गया था। इसके बाद 36 साल बाद भारतीय महिला हॉकी टीम ने 2016 के रियो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया, लेकिन टीम सबसे नीचले पायदान पर रही थी. हालांकि इस बार टीम कुछ अलग करती नजर आ रही है. अब टीम सेमीफाइनल में जीत दर्ज कर मेडल पक्का करना चाहेगी.
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