अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: यूक्रेन के दो प्रांतों को स्वतंत्र देशों के रूप में मान्यता देने के अगले ही दिन रूस ने वहां अपनी सेना भेज दी और इसके साथ ही दोनों देशों के बीच बाकायदा युद्ध शुरू हो गया है। बता दे कि रूस और यूक्रेन के युद्ध का असर भारत में महंगाई भी बढ़ा सकता है. और साथ ही इन दोनों देशों के साथ व्यापार पर भी असर पड़ना तय है. यहां जानिए भारत के सामने इस युद्ध के चलते महंगाई के अलावा क्या-क्या दिक्कतें आ सकती हैं.
चुनाव खत्म होते ही बढ़ेंगे तेल के दाम
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, हालांकि इसके बावजूद भारत में तेल के दाम नहीं बढ़े, क्योंकि चुनाव चल रहे हैं. वैसे देश में पिछले साल की 4 नवंबर से लेकर अब तक तेल के दाम नहीं बढ़े हैं. लेकिन चुनाव खत्म होते ही दाम बढ़ना तय माना जा रहा है.
यहां कच्चे तेल के दाम बढ़ने से भारत पर होने वाले असर को समझिए.
कच्चे तेल के दामों में 10 फीसदी बढ़ोतरी से भी थोक महंगाई में लगभग 0.9 फीसदी की बढ़ोतरी होगी.कच्चे तेल के दाम अगर 100 डॉलर
प्रति बैरल से ज़्यादा बने रहे तो भारत में थोक महंगाई में लगभग 2-3 फीसदी का इजाफा होगा. कच्चा तेल के हरेक 1 डॉलर प्रति बैरल बढ़ने पर देश पर तो 10 हजार करोड़ का बोझ बढ़ेगा.
सनफ्लावर ऑयल की कीमतें बढ़ेंगी
यूक्रेन दुनिया का सबसे बड़ा सनफ्लावर उगाने वाला देश भी है. इसलिए इस युद्ध का असर सूरजमुखी के तेल के दामों पर भी पड़ेगा. 2020-21 में भारत ने यूक्रेन से 14 लाख टन सनफ्लावर ऑयल आयात किया था. अब युद्ध छिड़ा है, तो सनफ्लावर ऑयल की कीमतों में उछाल देखा जा सकता है
गाजियाबाद के व्यापार पर आने लगा है असर
रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध का असर गाजियाबाद के व्यापार पर भी पड़ा है. यहां करीब 80 से 100 फैक्ट्री ऐसी हैं जिनका इन दोनों देशों से एक्सपोर्ट या इंपोर्ट का काम है. इन दोनों देशों में गाजियाबाद से कृषि का सामान और कपड़े का निर्यात होता है. जबकि रूस और यूक्रेन से व्यापारी पेट्रोलियम पदार्थ और केमिकल आयात होता है. लेकिन युद्ध की वजह से कुछ भी इंपोर्ट एक्सपोर्ट नहीं हो पा रहा है. गाजियाबाद इंडस्ट्री एसोसिएशन को अब तक करीब 100 करोड़ का नुकसान हो चुका है.
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