अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे घमासान युद्ध के चलते कच्चे तेल की कीमतों में रिकॉर्ड उछाल आ गया है। आज कच्चे तेल के दाम बीते 9 साल में रिकॉर्ड ऊंचाई पर आ गए हैं। फरवरी 2013 के बाद पहली बार ब्रेंट क्रूड के दाम 118 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच चुके हैं। यूक्रेन पर रूस का हमला तेज होने के बीच अमेरिका समेत अन्य प्रमुख देशों की सरकारों द्वारा रणनीतिक भंडारों से तेल जारी करने की प्रतिबद्धता के बावजूद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम 118 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है।
गौरतलब है कि युद्ध की आशंका गहराने के बाद भी स्टॉक और अन्य बाजारों में एक दिन पहले की तुलना में ब्रेंट क्रूड ऑयल 5.43 डॉलर बढ़कर 113.40 डॉलर पर पहुंच गया था। वहीं दूसरी ओर अमेरिकी एसएंडपी 500 शुरुआती कारोबार में 0.9 फीसदी की बढ़त पर रहा।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों का भी असर
फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने अमेरिकी संसद को
जानकारी दी है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक इस महीने ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने को तैयार है। यह वर्ष 2018 के बाद ब्याज दर में पहली बढ़ोतरी होगी। ब्याज दरों के बढ़ने के कारण भी अमेरिकी बाजार में तेजी देखी जा रही है। अमेरिकी मार्केट तेजी के दौर में कारोबार करते देखे गए।
स्ट्रेटेजिक रिजर्व से तेल जारी
वहीं मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के सभी 31 सदस्य देशों ने अपने रणनीतिक भंडारों से 6 करोड़ बैरल तेल जारी करने पर सहमति जताई थी लेकिन इसके बावजूद तेल की कीमतों पर कोई असर नहीं हुआ और क्रूड ऑयल की कीमतों में उछाल देखा गया। उन्होंने तेल बाजार को यह संकेत देने के लिए यह कदम उठाया कि रूस के यूक्रेन पर हमले से तेल आपूर्ति में कोई कमी नहीं होगी। गौरतलब है कि दुनिया में रूस दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है। ऐसे में रूस से आपूर्ति में व्यवधान को लेकर उपजी चिंताओं को लेकर अभी तक अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी कोई सार्थक कदम नहीं उठा पाया है।
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