अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: कोरोना की चुनौतियों के बीच कर्मचारी भविष्य निधि में योगदान करने वाले लाखों कर्मचारी के लिए खुशखबरी है. जल्द ही उनकी पेंशन में इजाफा होगा सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ईपीएफ में योगदान करने वाले लाखों कर्मचारी की पेंशन बढ़ जाएगी.अभी तक पेंशन कैलकुलेट करने के लिए बेसिक बेतन पर कैप लगा है. अभी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 15,000 रुपये है. पेंशन इस पर ही कैलकुलेट होगी अगर पेंशन कैलकुलेट करने की लिमिट हटाई जाती है तो कर्मचारियों की पेंशन राशि दोगुनी हो सकती है.
फिलहाल पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है और उस पर सुनवाई चल रही है, हालांकि इस पर जल्द फैसला आने की उम्मीद है.दरअसल, अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 15,000 रुपये से ज्यादा है फिर भी पेंशन सिर्फ 15,000 पर कैलकुलेट की जाती है. अभी इस पर कैप लगा हुआ है, लेकिन ये कैप हटने पर पेंशन अगर 20,000 रुपये की बेसिक सैलरी पर कैलकुलेट होती है तो इसमें 1000 रुपये का इजाफा होता है और पेंशन 8,571 रुपये हो जाती है.
अगर आपकी सैलरी 15,000 रुपये से ज्यादा है फिर भी सैलरी पर पीएफ 15,000 रुपये पर ही कैलकुलेट होगा. ऐसे में अगर किसी कर्मचारी का बेसिक वेतन
60 हजार रुपये है और वह 60000 पर ही अपनी पेंशन कैलुकलेट करना चाहता है तो इसकी इजाजत नहीं दी गई है. फिलहाल इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. अगर सुप्रीम कोर्ट सैलरी की लिमिट को खत्म करता है पीएफ का कैलकुलेशन हाईएस्ट ब्रैकेट पर भी हो सकता है.
ऐसे में बेसिक सैलरी 15,000 रुपये से ज्यादा होने पर पीएफ का पैसा उच्चतम स्तर पर काटा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कर्मचारियों को कई गुना ज्यादा पेंशन मिलेगी. ऐसे में अगर किसी कर्मचारी की सैलरी (बेसिक सैलरी + डीए )20 हजार रुपये है, तो पेंशन 7,500 की जगह 8,571 रुपये हो जाएगी. यानी पेंशन में सीधे 300 प्रतिशत का उछाल आएगा .
कर्मचारी पेंशन संशोधन योजना को केंद्र सरकार ने 1 सितंबर 2014 को एक अधिसूचना के जरिये लागू किया. इसका निजी क्षेत्र के कर्मचारियों ने विरोध किया है. इस पर ईपीएफओ ने सुप्रीम कोर्ट में एक एसएलपी दाखिल की है. 1 अप्रैल 2019 को ईपीएफओ की एसएलपी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पेंशन का वेतन 15 हजार रुपये तय करने का कोई मतलब नहीं है . फिलहाल इस मामले पर 17 अगस्त से लगातार सुनवाई चल रही है और फैसला आना बाकी है.
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