कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के फैसले पर अभी भी कायम हैं। राहुल ने गुरुवार को कहा कि उनका उत्तराधिकारी चुनने का अधिकार पार्टी को है, वे यह फैसला नहीं लेंगे। लोकसभा चुनाव का नतीजा आने के बाद राहुल ने 25 मई को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, सीडब्ल्यूसी ने यह प्रस्ताव उसी वक्त ठुकरा दिया था। राहुल संसद के बाहर सवालों के जवाब दे रहे थे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राफेल विमान डील में भ्रष्टाचार हुआ है और मैं अपनी बात पर आज भी कायम हूं।
लोकसभा में कांग्रेस दल के नेता का जिम्मा भी अधीर रंजन चौधरी को सौंपा गया है। चौधरी बंगाल के बहरामपुर सीट से सांसद हैं। 18
जून को दिल्ली में पार्टी बैठक के दौरान राहुल ने इस पद को अस्वीकार कर दिया, इसके बाद अधीर का नाम इस जिम्मेदारी के लिए फाइनल किया गया। पहले कहा जा रहा था कि पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़े राहुल यह जिम्मा संभाल सकते हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, राहुल ने सीडब्ल्यूसी की बैठक में कहा था कि पार्टी गांधी परिवार से इतर किसी व्यक्ति को अध्यक्ष पद पर चुने। उन्होंने पार्टी में अध्यक्ष मंडल बनाए जाने का सुझाव रखा था। उन्होंने अंतरिम अध्यक्ष के साथ उपाध्यक्षों की टीम का सुझाव दिया था। केसी वेणुगोपाल का नाम अंतरिम अध्यक्ष पद के लिए आगे चल रहा है। माना जा रहा है कि कांग्रेस को दक्षिण से 23 सांसद मिले हैं। ऐसे में उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
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