Maha shivaratri 2020: 59 साल बाद हो रहा है महाशिवरात्रि का महायोग

लोकसभा से चौधरी महेंद्र प्रताप को कांग्रेस ने उतरा मैदान में - बधाई देने वालों का लगा तांता । मतदाता जागरूकता गतिविधिया- नीमच पीलीभीत में गोमती नदी को रात में ही शारदा नहर से दिया गया पानी पीलीभीत से सुहाना हो जाएगा लखनऊ का सफर, आज से चलेगी समर स्पेशल ट्रेन पांचवें चरण की अधिसूचना आज जारी होने के साथ ही झारखंड की तीन सीटों चतरा, हजारीबाग और कोडरमा के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू अयोध्या में राम लला को समर्पित कीं रामायण पर ड्राइंग व क्राफ्ट की अभ्यास पुस्तिकाएं झारखंड में चौथे चरण के लोकसभा सीट के लिए 65 प्रत्याशियों ने किया नामांकन प्रवेश प्रक्रिया- यूजी-पीजी दूसरा चरण मतदान मौसम-राजस्थान अनूपगढ़ : सिंचाई पानी को लेकर हुए विवाद में एक वृद्ध व्यक्ति की मौत लोकसभा चुनावों के चौथे चरण के लिए नामांकन पत्रों की जांच आज होगी लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत छत्तीसगढ़ के तीन लोकसभा क्षेत्रों में जोर-शोर से जारी है मतदान आज का राशिफल पुलिस ने लेवी मांगनेवाले दो अपराधियों को हथियार सहित दबोचा Karauli : श्री महावीर जी में भगवान जिनेन्द्र की निकली रथ यात्रा पीलीभीत टाइगर रिजर्व के बीच स्थित नहरों का जंक्शन है खास 29 को कल्पना सोरेन गांडेय से करेगी नामांकन बीजापुर के आराध्य देव चिकटराज मेले का हुआ समापन उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन लगातार जारी

Maha shivaratri 2020: 59 साल बाद हो रहा है महाशिवरात्रि का महायोग

Deepak Chauhan 11-02-2020 14:55:34

21 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। महाशिवरात्रि पर लगभग 59 साल बाद एक विशेष योग बन रहा है, जो साधना-सिद्धि के लिए खास रहता है। यह योग है शश योग। इस दिन पांच ग्रहों की राशि पुनरावृत्ति भी होगी। शनि व चंद्र मकर राशि, गुरु धनु राशि, बुध कुंभ राशि तथा शुक्र मीन राशि में रहेंगे। इससे पहले ग्रहों की यह स्थिति और ऐसा योग वर्ष 1961 में रहे थे। इस दौरान दान-पुण्य करने का भी विधान है। 

ज्योतिषाचार्य डॉ. शोनू मेल्होत्रा के मुताबिक, महाशिवरात्रि के दिन श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक दान पुण्य करना चाहिए। साधु-संतों के साथ ब्राह्मणों व गरीबों को भोजन कराकर वस्त्र दान कर गायों को हरा चारा खिलाना चाहिए। पक्षियों को दाना डालने के साथ कुंडली लगाएं। पीपल को जल चढ़ाएं, जिससे विशेष लाभ मिलता है और भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद मिलता है। महाशिवरात्रि पर्व को लेकर शिव मंदिरों में तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं।

ज्योतिष शास्त्र
में साधना के लिए तीन रात्रि विशेष मानी गई हैं। इनमें शरद पूर्णिमा को मोहरात्रि, दीपावली की कालरात्रि तथा महाशिवरात्रि को सिद्ध रात्रि कहा गया है। पंडित लोकेश चंद्र शास्त्री ने बताया कि इस बार महाशिवरात्रि पर चंद्र शनि की मकर में युति के साथ शश योग बन रहा है। आमतौर पर श्रवण नक्षत्र में आने वाली शिवरात्रि व मकर राशि के चंद्रमा का योग ही बनता है। जबकि, इस बार 59 साल बाद शनि के मकर राशि में होने से तथा चंद्र का संचार अनुक्रम में शनि के वर्गोत्तम अवस्था में शश योग का संयोग बन रहा है। चूंकि चंद्रमा मन तथा शनि ऊर्जा का कारक ग्रह है। यह योग साधना की सिद्धि के लिए विशेष महत्व रखता है। 


सर्वार्थ सिद्धि का भी बन रहा संयोग

डॉ. अर्रंवद मिश्र ने बताया कि महाशिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग भी रहेगा। इस योग में भगवान शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना को श्रेष्ठ माना गया है। महाशिवरात्रि को शिव पुराण और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। 

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :