ऋचा चड्ढा और अक्षय खन्ना की फिल्म 'सेक्शन 375' शुक्रवार को रिलीज हो गई है। फिल्म को क्रिटिक्स और दर्शकों से अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। बता दें कि हाल ही में ऋचा चड्ढा ने लाइव हिन्दुस्तान से खास बातचीत की और इस दौरान उन्होंने कई दिलचस्प बातें बताईं।
ऋचा आपने बहुत ही इंटेंस डेलिकेट सब्जेक्ट पर काम किया है तो क्या कभी शूट के टाइम आपको इमोशनल ब्रेकडाउन हुआ हो?
हाँ, एक बार हुआ था जब हम शूट कर रहे थे, तब मुझे कोई बात टच कर गई थी जो मैं कंट्रोल नहीं कर पाई और मैं रो पड़ी थी। जिसके बाद डायरेक्टर ने ब्रेक दिया और कुछ समय के लिए शूट को रोक दिया था। फिर जब मैं नॉर्मल हुई तब हमने वापस शूट किया।
आप फिल्म में कंसेंट और विल(इच्छा) के ऊपर डिस्कशन कर रही हैं तो क्या आप इस बारे में क्लीयर बताएँगी?
देखिए कंसेंट मतलब होता है जब आपने अपने पार्टनर के हाँ कर दिया, लेकिन आपने बेमन से हाँ किया या डर के हाँ कहा या लगे कि हाँ नहीं बोला तो नौकरी छूट जाएगी तो इस चीज़ को हमारा कॉन्स्टीट्यूशन बहुत अलग तरह से देखती है। लड़की के फ़ेवर में देखता है तो से चीज़ बहुत अच्छी है।
नहीं, मुझे बस ग़लत सही की समझ थी, लेकिन ये नहीं पता था कि हमारी आईसीसी में ये चीज़ें बहुत डिटेल्ड हैं। जैसे एक लड़का और एक लड़की रिलेशन में है और लड़का उसे ज़बरदस्ती फ़िज़िकल रिलेशन बनाने के बोलता है और कहता है कि अगर तुमने ऐसा नहीं किया तो मैं ब्रेकअप कर लूंगा और लड़की हाँ कर देती है, लेकिन बाद में वो लड़की इसके ख़िलाफ़ एक्शन ले सकती है। तो ये जो चीज़ें कितने लड़कों और लड़की को पता है। तो ऐसी कुछ-कुछ फ़ाइन पॉइंट्स हैं जो फ़िल्म में आप लोगों को पता चलेगा।
देखिए, एक जो वो फिल्म होती है जिसमें लड़का लड़की मिलते हैं फिर प्यार होता है और घरवाले नहीं मानते तो ऐसी फ़िल्मों से तो अच्छा ही मैसेज जाएगा।
पता नहीं लोग फिल्म पर कैसा रिएक्ट करेंगे, लेकिन फिल्म का सब्जेक्ट बहुत महत्वपूर्ण है और ज़रूरी फिल्म है। हमने बहुत ध्यान से ये फिल्म बनाई है।
ऋचा आपके फ़िल्मों के करेक्टर हमेशा हटकर होते हैं तो जब आप फिल्म की स्क्रिप्ट फ़ाइनल करती हैं तो क्या सबसे पहले देखती हैं
मैं देखती हूँ कि स्क्रिप्ट कैसी है, स्क्रिप्ट में मैं क्या कर रही हूँ डायरेक्टर कैसा है और फिर मैं एंड में बैनर देखती हूँ प्रोड्यूसर कौन है क्योंकि मैंने करियर के शुरुआत में ऐसी अच्छी फ़िल्में की जिन्हें प्रोड्यूसर का सपोर्ट नहीं मिला तो वो अच्छे से रिलीज नहीं हुई तो बहुत बुरा लगता है। इसलिए अब मैं इन चीज़ों का ध्यान रखती हूँ।
अच्छा ऋचा आपका भोली पंजाबन करेक्टर काफी पॉपुलर है? तो इसे आप कैसे लेती हैं...आपके ये तो नहीं लगता कि कहीं दर्शक आपको हमेशा इससे जोड़क रखें
देखिए अगर जोड़कर रखते तो मुझे ये फिल्म नहीं मिलती। ऑडियंस जोड़ देती है, पब्लिक मेमरी में वो करेक्टर है, लेकिन हाँ अगर वो इसे जोड़ते तो आज मैं ये काम नहीं कर पाती जो मैं अभी कर रही हूँ।
देखिए अगर मैं ‘म’ भी कहूं न तो वो मैरिज हो जाता है। मुझसे किसी ने पूछा शादी का क्या है तो मैंने कहा हमारे पास डेट्स नहीं है। उस पर अफ़वाहें उड़ने लगी। लेकिन हम भी परिवार वाले लोग हैं तो वो भी पूछते हैं कि भई क्या हो रहा है। मुझे ग़ुस्सा आ जाता है के मैं क्लीयर ट्वीट कर बोल देती हूँ कि क्यों मेरे बारे में झूठ बोल रहे हो। अब देखिए हमारे भी घरवाले हैं वो भी हमसे पूछते हैं क्या हो रहा है ये।
जब मैं इस इंडस्ट्री में आई थी तो मुझे पता था कि मेरे लिए ये मैराथन है और मुझे भागना है, तो मैं बस भाग रही हूँ। मुझे हमेशा अपना बेस्ट देना है। लेकिन जिन फ़िल्मों के साथ मैंने शुरुआत की वैसी फिल्में तो लोग अब कर रहे हैं। तो ये मेरे लिए और अच्छी बात है।
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