पालतू जानवरों के साथ वक्त बिताने से कम होता है तनाव

मतदान पूर्वाभ्यास कार्यक्रम लोकसभा चुनाव में तैनात पीठासीन-सहायक पीठासीन अधिकारियों को दिया प्रशिक्षण कांग्रेस कुनीति और कुबुद्धि का शिकार, हिमाचल में लानी होगी स्थाई सरकार—कंगना रानौत उत्तराखंड : चारधाम यात्रा के लिए देहरादून एसएसपी ने सरकार की आधिकारिक वेबसाइट से पंजीकरण कराने की दी सलाह छत्तीसगढ़ में अनेक स्थानों पर शादी की रस्मों के बीच दूल्हा दुल्हन वोट डालने पहुंचे लोगों में मतदान को लेकर भारी उत्साह: ओम बिरला लोकसभा से चौधरी महेंद्र प्रताप को कांग्रेस ने उतरा मैदान में - बधाई देने वालों का लगा तांता । मतदाता जागरूकता गतिविधिया- नीमच पीलीभीत में गोमती नदी को रात में ही शारदा नहर से दिया गया पानी पीलीभीत से सुहाना हो जाएगा लखनऊ का सफर, आज से चलेगी समर स्पेशल ट्रेन पांचवें चरण की अधिसूचना आज जारी होने के साथ ही झारखंड की तीन सीटों चतरा, हजारीबाग और कोडरमा के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू अयोध्या में राम लला को समर्पित कीं रामायण पर ड्राइंग व क्राफ्ट की अभ्यास पुस्तिकाएं झारखंड में चौथे चरण के लोकसभा सीट के लिए 65 प्रत्याशियों ने किया नामांकन प्रवेश प्रक्रिया- यूजी-पीजी दूसरा चरण मतदान मौसम-राजस्थान अनूपगढ़ : सिंचाई पानी को लेकर हुए विवाद में एक वृद्ध व्यक्ति की मौत लोकसभा चुनावों के चौथे चरण के लिए नामांकन पत्रों की जांच आज होगी लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत छत्तीसगढ़ के तीन लोकसभा क्षेत्रों में जोर-शोर से जारी है मतदान आज का राशिफल

पालतू जानवरों के साथ वक्त बिताने से कम होता है तनाव

Khushboo Diwakar 18-07-2019 13:14:23

  • वॉशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 249 कॉलेज छात्रों पर अध्ययन किया

  • जिन स्टूडेंट्स ने कुत्ते बिल्लियों के साथ समय बिताया उनमें कॉर्टिसोल हार्मोन में कमी दिखी, यह तनाव पैदा करने वाला एक अहम हार्मोन है

     पालतू जानवरों के साथ वक्त बिताने से न सिर्फ कॉलेज स्टूडेंट्स का मूड अच्छा होता है, बल्कि उनका स्ट्रेस लेवल भी कम होता है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। अक्सर स्टूडेंट्स पढ़ाई और एग्जाम्स के दौरान तनाव में आ जाते हैं। इसी को लेकर वॉशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया।

    कई यूनिवर्सिटीज ने 'पेट योर स्ट्रेस अवे' प्रोग्राम शुरू किए हैं, जहां आकर स्टूडेंट्स कुत्ते और बिल्लियों के साथ खेल सकते थे। वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर पेट्रीसिया पेंड्री ने बताया कि उन्होंने अध्ययन में पाया कि इन पालतुओं के साथ महज 10 मिनट रहने से भी हेल्थ में काफी फर्क पड़ सकता है। अध्ययन में जिन स्टूडेंट्स ने कुत्ते और बिल्लियों के साथ समय बिताया उनमें कॉर्टिसोल हार्मोन में
    कमी पाई गई। यह तनाव पैदा करने वाला एक अहम हार्मोन है।


    पेट्स के साथ कॉलेज स्टूडेंट्स का हो मूड हो जाता है अच्छा 

    • इस अध्ययन में 249 कॉलेज छात्रों को शामिल किया गया था, जिन्हें चार ग्रुपों में बांट दिया था। अध्ययनकर्त्ताओं ने पहले ग्रुप के स्टूडेंट्स को कुत्ते और बिल्लियों के साथ 10 मिनट का समय बिताने को दिया गया जबकि दूसरे ग्रुप के स्टूडेंट्स को पहले ग्रुप को पेट्स के साथ खेलते हुए देखने को कहा।
    • वहीं, तीसरे ग्रुप को उन पेट्स की फोटो के स्लाइड शोज दिखाए गए और चौथे को सिर्फ इंतजार करने को कहा। इसके बाद सभी स्टूडेंट्स के सेलाइवा (लार) के सैंपल लिए गए जिसमें यह पता चला कि जिन छात्रों ने जानवरों के साथ समय बिताया यानी पहले ग्रुप के स्टूडेंट्स की लार में कॉर्टिसोल का स्तर बहुत कम था। पेंड्री ने कहा कि इस तरह वक्त बिताने से स्टूडेंट्स के स्ट्रेस हॉर्मोन में कमी होने से उनकी मेंटल हेल्थ को फायदा मिलता है।

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :