कपडे पहनना और अपने हिसाब से कपड़ों का चुनाव कर उन्हें अपने शरीर पर डालना, ये अधिकार हर महिला के लिए उतना ही जरुरी है जितना की एक मर्द के लिए। खैर कई बार देखा गया है, की लोग समय अनुसार अपने कपड़ो का चयन करते है। मतलब अगर किसी पार्टी में जाना हो तो अलग सूंदर दिखने वाले कपडे पहनना पसंद करते है साथ ही अगर किसी की मईयत में जाना हो तो कुछ खाश न दिखने वाले कपडे भी पहन के चले जाते है। आज कल तो व्यक्ति के खेलने के कपडे अलग घूमने के अलग यहाँ तक की रात को सोने के कपडे भी अलग होने लग गए है। इन कपडे को समय अनुसार महिला और पुरुष दोनों ही चुनाव करते है। परन्तु एक बार फिर से महिलाओं के कपड़ों पर चर्चा सिविल सोसाइटी के कुछ ज्ञानियों के पसंदीदा कामों में से एक है. जीन्स, स्कर्ट के बाद अब चर्चा का विषय बनी है नाइटी. मम्मी लोगों का सबसे आरामदायक परिधान।
आंध्र प्रदेश के गोदावरी ज़िले के थोकालापल्ली गांव में एक अजीब सा क़ानून बनाया गया है. क़ानून के तहत सूरज ढलने से पहले महिलाएं नाइटी (या इस जैसे परिधान) पहनकर गांव में नहीं निकल सकती।
गांव के बड़े-बुढ़ों ने क़ानून बनाया है कि सुबह के 6 बजे से शाम के 7 बजे तक महिलाएं
नाइटी पहनकर नहीं निकल सकती. जिस महिला ने ये क़ानून तोड़ा, उसे गांव की विकास कमिटी को 2000 रुपए जुर्माना देना होगा. इसके साथ ऐसा करने वाली महिला के बारे में जानकारी देने वाले को 1000 रुपए का ईनाम भी दिया जाएगा।
HT के मुताबिक, ये नियम लगभग 7 महीने पहले लागू किया गया था. निदामार्रु ब्लॉक थाना के सब-इंस्पेक्टर एम.विजय कुमार को इस नियम के बारे में एक ग़ुमनाम ख़त से पता चला।
सब-इंसपेक्टर ने जांच करवाई, जिसमें पता चला कि गांव कमिटी को पुरुषों ने एक चिट्ठी द्वारा बताया कि नाइटी में घूमती महिलाओं को देखकर वे असहज महसूस करते हैं. कमिटी ने मीटिंग बुलाई जिसमें कुछ महिला संगठन भी शामिल थे. सबकी सहमति से ही ये क़ानून बनाया गया।
गांव कमिटी के सदस्या भाले सीतारामुडू ने पुलिस को बताया कि ये नियम Women Self-Help Group ने ही बनाया है और पुरुषों का इसमें कोई हाथ नहीं है. उन्होंने ये भी बताया कि अभी तक किसी भी महिला पर जुर्माना नहीं लगाया गया है।
आखिर क्या वजह है की पुरुषों को महिलाओं के हर प्रकार कपड़ों को लेकर धीरे-धीरे दिक्कते होने लगी है। क्या हम ये माने की आजकल के मर्दो को महिलाओं से ज्यादा उनके कपडे दिखाई देने लगे हैं, अगर है तो जनाब हमारी मानो और दिन में रोज तीन बार अपनी आँखों में गुलाब जल डाला करों।
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