एक कंपनी जहाँ रहती है बुधवार की भी छुट्टी

मतदान पूर्वाभ्यास कार्यक्रम लोकसभा चुनाव में तैनात पीठासीन-सहायक पीठासीन अधिकारियों को दिया प्रशिक्षण कांग्रेस कुनीति और कुबुद्धि का शिकार, हिमाचल में लानी होगी स्थाई सरकार—कंगना रानौत उत्तराखंड : चारधाम यात्रा के लिए देहरादून एसएसपी ने सरकार की आधिकारिक वेबसाइट से पंजीकरण कराने की दी सलाह छत्तीसगढ़ में अनेक स्थानों पर शादी की रस्मों के बीच दूल्हा दुल्हन वोट डालने पहुंचे लोगों में मतदान को लेकर भारी उत्साह: ओम बिरला लोकसभा से चौधरी महेंद्र प्रताप को कांग्रेस ने उतरा मैदान में - बधाई देने वालों का लगा तांता । मतदाता जागरूकता गतिविधिया- नीमच पीलीभीत में गोमती नदी को रात में ही शारदा नहर से दिया गया पानी पीलीभीत से सुहाना हो जाएगा लखनऊ का सफर, आज से चलेगी समर स्पेशल ट्रेन पांचवें चरण की अधिसूचना आज जारी होने के साथ ही झारखंड की तीन सीटों चतरा, हजारीबाग और कोडरमा के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू अयोध्या में राम लला को समर्पित कीं रामायण पर ड्राइंग व क्राफ्ट की अभ्यास पुस्तिकाएं झारखंड में चौथे चरण के लोकसभा सीट के लिए 65 प्रत्याशियों ने किया नामांकन प्रवेश प्रक्रिया- यूजी-पीजी दूसरा चरण मतदान मौसम-राजस्थान अनूपगढ़ : सिंचाई पानी को लेकर हुए विवाद में एक वृद्ध व्यक्ति की मौत लोकसभा चुनावों के चौथे चरण के लिए नामांकन पत्रों की जांच आज होगी लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत छत्तीसगढ़ के तीन लोकसभा क्षेत्रों में जोर-शोर से जारी है मतदान आज का राशिफल

एक कंपनी जहाँ रहती है बुधवार की भी छुट्टी

Deepak Chauhan 09-05-2019 15:36:11

आम तौर पर इस व्यवसायिक दुनिया में छुट्टी लेना बहुत कठिन काम होता है। चूँकि अगर भारत में भी देखा जाये तो कई हद तक सरकारी सेवाओं में नियुक्त व्यक्ति ही सप्ताह में दो दिन का अवकाश प्राप्त कर पाता है। हालाँकि ग्लोबल मार्केटिंग के चलते कई विदेशी कंपनियों ने भारत में अपने दफ्फतर खोल अपने कर्मचारी को सप्ताह में दो दिन यानी शनिवार और रविवार को अवकाश का मौका देती है।  चूँकि ये दो दिन अवकाश वाली स्किम विदेशो में पहले से ही लागू है जिसके चलते वे यहाँ पर भी यही नियम लागू किया।  लेकिन क्या ऐसा हो सकता है की कोई ऑफिस सप्ताह में दो की बजाये तीन दिन अवकाश दे। जी हाँ ऐसा मुमकिन किया है ऑस्ट्रेलिया में कार्य कर रही एक डिजिटल मार्केटिंग कपनी ने। जो अपने कर्मचारियों को सप्ताह में तीन दिन अवकाश देती है। कम्पनी की एक कर्मचारी से बात चित से पता चला है, की उनकी कम्पनी शनिवार,रविवार के साथ बुधवार को भी अवकाश देती है। 


कर्मचारी टिफ़ैनी श्रॉवेन

हर बुधवार जब टिफैनी के सरे मित्र अपने-अपने दफ्तर में काम करे रहे होते है तबी वह टेनिस कोर्ट पर अपनी प्रेक्टिस कर रही होती है जिससे उनके खेल में निखार आ सके। मेलबर्न की कम्पनी में रोजेक्ट मेनेजर पद पर कार्यरत टिफैनी श्रॉवेन सुबह 9 बजे अपने अभ्यास सत्र का आरम्भ करती है, और अपने खेल की कमजोरिओं को दूर करती है। टिफैनी कोई कामचोरी नहीं करती, दरसल वे लगभग एक साल से वेर्सा नाम की जिस डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी में वह काम करती हैं, वह बुधवार को बंद रहती है। ये कंपनी अपने कर्मचारियों से हफ्ते के चार दिन ही काम लेती है, मगर पैसे पूरे 5-दिन के सप्ताह के हिसाब से देती है। वेर्सा के कर्मचारी सोमवार और मंगलवार को काम करते हैं, फिर गुरुवार-शुक्रवार को दो दिन के लिए ऑफि़स आते हैं। बुधवार को कोई मीटिंग नहीं रखी जाती. लेकिन किसी ग्राहक को कोई ज़रूरी काम हो तो कंपनी के कर्मचारी फोन पर उपलब्ध रहते हैं। 


आखिर कैसे करती है काम पूरा 

श्रॉवेन को जब पहली बार इस योजना के बारे में बताया गया था तो वह चहक उठी थी, फिर उनको चिंता भी हो गई थी। प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में वह कर्मचारियों और ग्राहकों के बीच की कड़ी हैं. इसलिए कोई डेडलाइन छूटने पर या दोनों पक्षों के बीच संवाद टूटने पर सारा ठीकरा उन्हीं के सिर फूटता। लेकिन वेर्सा के कर्मचारियों ने कुशलता बढ़ाने के लिए काम करने के अपने ढंग को बदल लिया। श्रॉवेन ध्यान रखती हैं कि कुछ निश्चित काम बुधवार के ब्रेक से पहले पूरे हो जाएं. बैठकें ज़्यादा केंद्रित होती हैं और फ़ालतू की चटर-पटर को बढ़ावा नहीं दिया जाता। हर दो हफ्ते में कंपनी देखती है कि क्या काम हुआ और क्या नहीं हुआ। 


श्रॉवेन कहती हैं, "सभी की कोशिश रहती है कि कि ये (व्यवस्था) काम करे क्योंकि हमें ये लचीलापन पसंद है. यदि मैं बुधवार को छुट्टी चाहती हूं तो
मुझे अपने हफ्ते की योजना बेहतर बनानी होगी."


कंपनी के लचीलेपन को थोड़ा सम्मान 

वेर्सा ने ये नीति पिछले साल जुलाई में लागू की थी. इस ऑस्ट्रेलियाई कंपनी की संस्थापक और सीईओ काथ ब्लैकहैम का कहना है कि इस बीच कंपनी का राजस्व 46 फीसदी बढ़ा है और मुनाफा लगभग तीन गुना हो गया है। ब्लैकहैम इस क़ामयाबी का पूरा श्रेय 4-दिवसीय सप्ताह को नहीं देना चाहतीं. वो कहती हैं, "हमें काम मिला क्योंकि हम अच्छे काम के लिए जाने जाते हैं."वो ये भी कहती हैं कि एजेंसी का टर्नओवर बहुत कम है और निर्देशों पर काम करने वाली टीमें व्यापारिक भागीदारों को आकर्षित कर सकती है। ब्लैकहैम को अपनी कंपनी की लीडरशिप टीम को इस बात के लिए मनाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी थी। बुधवार की छुट्टी का प्रयोग नाकाम होने पर उन्होंने 5-दिवसीय सप्ताह में लौटने की कसम भी खाई थी। उन्होंने दो छोटे-छोटे बच्चों के साथ कंपनी की शुरुआत की थी. वो ऐसी कंपनी का नेतृत्व करना चाहती थीं जिसका प्रदर्शन बेहतरीन हो, साथ ही जो लचीलेपन की जरूरत का सम्मान करे। ब्लैकहैम कहती हैं, "मैं साबित करना चाहती थी कि कई-कई घंटों तक लगातार काम करने वाले युवाओं के लिए जाने जाने वाले सेवा आधारित उद्योग में भी यह क़ामयाब हो सकता है."सप्ताह के बीच में मिलने वाली छुट्टी में कर्मचारी जिम जा सकते हैं, घर के काम निपटा सकते हैं, छोटे बच्चों की देखभाल कर सकते हैं, मुलाकातें तय कर सकते हैं, अपने स्टार्ट-अप पर काम कर सकते हैं या चाहें तो बस नेटफ्लिक्स देख सकते हैं। ब्लैकहैम कहती हैं, "सिक लीव कम हो गए हैं, कर्मचारियों की संतुष्टि बढ़ गई है. सोमवार वाली फीलिंग सप्ताह में दो बार महसूस होती है."


बुधवार ही क्यों?

सप्ताह को दो हिस्सों में बांटने के फ़ैसले के पीछे काम में सोमवार वाली फीलिंग लाने का बड़ा हाथ है। ब्लैकहेम तीन दिन का लंबा वीकेंड नहीं देना चाहती थीं, क्योंकि उनको डर था कि युवा कर्मचारी इसे और लंबे वीकेंड में बदलने की कोशिश करने लगेंगे। अपनी छुट्टी का दिन तय करने का अधिकार कर्मचारियों को देने से दूसरे कर्मचारियों और ग्राहकों में भ्रम बनने लगा था कि कौन उपलब्ध होगा और कौन नहीं. इससे उत्पादकता भी प्रभावित हुई। ऑकलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी में एचआर मैनेजमेंट के प्रोफेसर जरॉड हैर ने अपने रिसर्च के लिए वेर्सा के कर्मचारियों से बात की और पाया कि वे बुधवार की छुट्टी का सबसे ज़्यादा आनंद लेते हैं। वो कहते हैं, "बुधवार की छुट्टी का मतलब है कि आप गुरुवार को तरोताज़ा होकर आएंगे और उनकी उत्पादकता बढ़ेगी। प्रोफेसर हैर ने न्यूजीलैंड की इस्टेट मैनेजमेंट कपंनी पर्पेचुअल गार्डियन पर भी निगाह रखी है। इस कंपनी ने पिछले साल 4-दिवसीय सप्ताह का प्रयोग किया था और उत्पादकता में कोई कमी नहीं आई। बीमारी वाली छुट्टियां कम हो गई थीं और कर्मचारियों की खुशी बढ़ गई थी, हालांकि कुछ कर्मचारियों की छंटनी करनी पड़ी जो काम के नये तरीके में फिट नहीं हो पा रहे थे। 

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :