कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा और उन पर 'कर्नाटक की अनदेखी' का आरोप लगाया, जब राज्य में भारी बारिश और बाढ़ ने कहर बरपाया था।
सिद्धारमैया ने ट्वीट करते हुआ लिखा कि अटल बिहारी वाजपेयी सहित पिछली सरकारों या प्रधानमंत्रियों में से किसी ने भी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान कर्नाटक को नजरअंदाज नहीं किया था। लेकिन 25 सांसदों के बावजूद कर्नाटक और बी एस येदियुरप्पा के प्रति नरेंद्र मोदी का रवैया शर्मनाक है,
मौसम विभाग के अनुसार, 3 अगस्त से 10 अगस्त की अवधि के दौरान राज्य में 279 प्रतिशत से अधिक वर्षा हुई, जो पिछले 118 वर्षों में सबसे अधिक है। बताया जा रहा है कि कुल 61 लोगों की मौत हो गई है जबकि 15 अन्य अब भी बारिश के कारण लापता हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य का बेलगाम जिला है जहां 13 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं जबकि चार लापता हैं। फिलहाल, राज्य में 3,60,617 लोगों के शरण लेने के साथ 1,160 राहत शिविर चालू हैं।
पहले भी लगाए थे केंद्र पर अनजान बनने का आरोप
यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस नेता
ने केंद्रीय नेतृत्व पर राज्य के हितों के खिलाफ पक्षपात करने का आरोप लगाया है। इससे पहले 11 अगस्त को भी उन्होंने कर्नाटक में स्थिति से अनजान होने का आरोप लगाया था और साथ ही 5,000 करोड़ रुपये की सहायता की मांग की थी।
केंद्र सरकार से मांगी मदद
उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि केंद्र सरकार बाढ़ की गंभीरता और बाढ़ के कारण हुए नुकसान को देखते हुए अभी भी सो रही है। इसे तुरंत राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन स्थानों का दौरा करना चाहिए, एक वैज्ञानिक सर्वेक्षण करवाना चाहिए और 5,000 करोड़ रुपये की सहायता करनी चाहिए।उसी दिन, उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा से आग्रह किया कि वे जल्द ही अपना मंत्रिमंडल बना लें क्योंकि ऐसा करने से राज्य के विभिन्न हिस्सों में चल रहे राहत उपायों में मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि इस संकट की स्थिति में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के लिए अकेले कार्य करना बहुत कठिन होगा और सभी विभागों में न्याय सुनिश्चित करना काफी असंभव है। मैंने उनसे तुरंत मंत्रिमंडल बनाने और प्रत्येक जिले के लिए प्रभारी मंत्री बनाने का आग्रह किया।
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