नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में जारी विरोध प्रदर्शन विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है. शुक्रवार को चुनाव आयोग के अधिकारी दिल्ली पुलिस के अफसरों के साथ शाहीन बाग पहुंचे. चुनाव आयोग की टीम यहां पर प्रदर्शनकारियों से बात करेगी और चुनाव की तैयारियों का जायजा लेगी.
चुनाव आयोग के ऑब्जर्वस के साथ-साथ यहां पर जिला मतदान अधिकारी, सुरक्षा पर्यवेक्षक, माइक्रो ऑब्जर्वर्स भी शाहीन बाग पहुंचे हैं. चुनाव आयोग की टीम यहां शाहीन बाग और जामिया इलाके में पोलिंग बूथ लगाने की तैयारियों को जांचेगी. दिल्ली CEO रणबीर सिंह भी शाहीन बाग पहुंचे हैं.
पिछले करीब 45 दिनों से दिल्ली के शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन चल रहा है. गुरुवार शाम को यहां पर अचानक हलचल बढ़ी थी, तब ऐसी खबर आई थी कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी एक रास्ता खोल सकते हैं. रात 11 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी बुलाई गई थी. हालांकि, जब प्रदर्शनकारियों के बीच इस बात को लेकर सहमति नहीं बनी तो प्रेस कॉन्फ्रेंस को रद्द कर दिया गया.
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दिल्ली चुनाव में
मुद्दा बना शाहीन बाग
शाहीन बाग में प्रदर्शन भले ही केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ हो रहा हो. लेकिन ये मुद्दा दिल्ली विधानसभा चुनाव में अहम मुद्दा बन गया है. भारतीय जनता पार्टी के द्वारा लगातार शाहीन बाग को राजनीतिक धरना बताया जा रहा है और कहा जा रहा है कि इसके पीछे आम आदमी पार्टी, कांग्रेस का हाथ है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा अपनी सभाओं में अपील की जा रही है कि दिल्ली के चुनाव इस बात का फैसला करेंगे कि लोग शाहीन बाग के साथ हैं या फिर भारत माता के साथ. अमित शाह के अलावा बीजेपी के कई नेता शाहीन बाग के प्रदर्शन पर आक्रामक बयानबाजी कर चुके हैं.
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हालांकि, इस सबसे इतर शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जबतक सरकार या भाजपा का कोई प्रतिनिधि आकर उनसे नागरिकता संशोधन एक्ट पर चर्चा नहीं करता है तबतक वो पीछे नहीं हटेंगे. प्रदर्शनकारियों की ओर से CAA को अल्पसंख्यक विरोधी, संविधान विरोधी बताया जा रहा है.
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