अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया,
रायपुर: देश में लगातार कोरोना के मामले थमने का नाम ही नही ले रहे है. तो वही छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेम साय सिंह टेकाम ने स्पष्ट किया है कि राज्य में अभी स्कूल लगाने लायक हालात नहीं है. स्कूल को लेकर केंद्र सरकार ने जो गाइड़लाइन जारी की है, उसका पालन करते हुए अभी स्कूल शुरु नहीं किए जा सकते.
बता दे कि सरकार का कहना है कि हमारी कोशिश है कि फिलहाल स्कूल खोले बिना जिस भी तरीके से संभव हो बच्चों की पढ़ाई कराई जाए. निजी क्षेत्र की स्कूलों से भी कहा गया है कि वे अपने स्टूडेंटस को ऑनलाइन माध्यम की पढ़ाई से वंचित न होने दें. छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलाव के बीच चारों तरफ चिंता का वातावरण बनता जा रहा है. ऐसे में सबसे अधिक चिंता उन पालकों की है जिनके बच्चे अभी स्कूल में पढ़ रहे है. पालकों की चिंता ये भी है बच्चों का मन कैसे पढ़ाई में लगा रहे.
लॉकडाउन के कारण बच्चों का मन पढ़ाई से हटा
लॉकडाउन की अवधि से लेकर अब तक के अवकाश के कारण बच्चों का मन पढ़ाई से न उचटे. इसके बाद दूसरी चिंता ये है कि अगर सरकार ने स्कूल खोलने का आदेश कर दिया तो क्या इस हालात में बच्चों को स्कूल भेजा जा सकेगा. अधिकांश पालक बच्चों को स्कूल भेजने का पक्ष में नहीं है. इन्ही सवालों को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. टेकाम से बात की गई तो उन्होंने अपनी बात रखी.
केंद्र की गाइड
लाइन बेहद कठिन
शिक्षा मंत्री ने कहा है कि प्रदेश में जिस तरह से कोरोना संक्रमित मिलते जा रहे है उससे साफ है कि फिलहाल स्कूल शुरु नहीं किए जा सकते है. केंद्र सरकार ने पहले ही 30 सिंतबर तक स्कूल बंद रखने कहा है. इसके साथ ही केंद्र ने स्कूल शुरु करने के लिए एक गाइड़लाइन जारी की है. इसके मुताबिक जहां संक्रमण न हो वहां स्कूल खोल सकते है. रेड जोन में स्कूल नहीं खुलेंगे. हॉट स्पॉट बने क्षेत्र में स्कूल नहीं खोल सकते. यहां तक की स्कूल के टीचर जहां से पढ़ाने आते हैं वह भी संक्रमित क्षेत्र नहीं होना चाहिए. स्कूल डीपली सेनेटाइज हों, सभी के लिए मॉस्क हों. मंत्री ने कहा मेरी जानकारी के अनुसार प्रदेश में ऐसी कोई कोई जगह नहीं है जहां केंद्र की इस गाइड़लाइन का पालन करते हुए स्कूल खोले जा सके.
सरकार कोशिश में है पढ़ाई न हो प्रभावित
शिक्षा मंत्री का ये कहना भी है कि सरकार की चिंता इस बात को लेकर भी है कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो. लिहाजा हालात के मुताबिक प्रयास किए जा रहे है. राज्य सरकार की योजना स्कूल तुंहर द्वार के आधार पर पढ़ाई करवाई जा रही है. कुछ जगहों पर लाउड़ स्पीकर से पढ़ाई, कहीं शिक्षक ब्लैक बोर्ड ले जाकर पढ़ा रहे है. बच्चों को ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाया जा रहा है. इसी तरह प्राइवेट स्कूलों से भी कहा गया है कि वे हाईकोर्ट की गाइड़लाइन का पालन करें. बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई से किसी हाल में वंचित न किया जाए.
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