निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में चार दोषियों में से एक मुकेश सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। मुकेश सिंह ने दावा किया था कि दिसंबर 2012 में हुए अपराध के समय वह दिल्ली में नहीं था।
[removed]Nirbhaya: SC refuses to entertain plea of convict Mukesh Singh claiming he was not in Delhi at time of crime in Dec 2012
— Press Trust of India (@PTI_News) March 19, 2020
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या के चार में से एक दोषी मुकेश सिंह की याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया था। इस याचिका में उसने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उसके इस दावे को खारिज किया गया था कि 16 दिसंबर 2012 को जब जुर्म हुआ तब वह दिल्ली में नहीं था।
न्यायमूर्ति ब्रृजेश सेठी ने कहा था कि
निचली अदालत के विस्तृत और तर्कपूर्ण आदेश में दखल देने का कोई आधार नहीं है। उच्च न्यायालय ने आगे कहा कि यह बताने के लिए रिकॉर्ड पर कुछ भी नहीं है कि इस मामले में मुकदमा किसी भी साक्ष्य को छिपाने के कारण प्रभावित हुआ।
उच्च न्यायालय ने मुकेश सिंह की याचिका खारिज करते हुए कहा, 'निचली अदालत की ओर से पारित किए गए आदेश में कोई झोल, अवैधता या अनियमितता नहीं है।' निचली अदालत ने मंगलवार को उसकी याचिका को खारिज कर दिया था और बार काउंसिल ऑफ इंडिया से कहा था कि उसके वकील को परामर्श दिया जाए।
निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में 5 मार्च को दिल्ली की एक निचली अदालत ने निर्भया के दोषी मुकेश, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय सिंह को फांसी देने के लिए नया मृत्यु वारंट जारी किया था। चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जाएगी।
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