रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा, “जम्मू-कश्मीर के बच्चे राष्ट्रवादी हैं लेकिन वे कभी-कभी भटककर गलत राह चले जाते हैं। रक्षामंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि कश्मीर में 10-12 साल के लड़के-लड़कियां कट्टरपंथी हो गए हैं। उन्हें इससे मुक्त करने के लिए डीरेडिकलाइज्ड कैंप में भेजा जाना चाहिए। वे एनसीसी रिपब्लिक डे परेड के निरीक्षण के लिए पहुंचे थे।
सिंह ने कहा- युवा सिर्फ युवा हैं। उन्हें किसी अन्य नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्हें जिस रास्ते पर बढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए, लोग वह काम नहीं करते हैं बल्कि उन्हें बरगलाने की कोशिश करते हैं और वह गलत दिशा में आगे बढ़ जाते हैं। इसके लिए बच्चों को दोष नहीं देना चाहिए बल्कि यह दोष उनका है जो उन्हें भटकाने का काम करते हैं।
सिंह ने कहा- भारत के मूल्यों में सभी
धर्मों का स्थान समान रहा है। यही कारण है कि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है और हम पाकिस्तान की तरह कभी भी धार्मिक राष्ट्र नहीं बन सके। हमारा कहना है कि हम धर्म के आधार पर कभी भी भेदभाव नहीं कर पाएंगे। ऐसा इसलिए कहते हैं क्योंकि हमारे पड़ोसी देश खुद को एक धर्म आधारित राष्ट्र घोषित कर चुके हैं जबकि हमने ऐसा नहीं किया।
सिंह ने मेरठ की रैली में सीएए के समर्थन में कहा, “सीएए हमारा वादा था, हमने पूरा किया। हमने कोई अपराध नहीं किया, लेकिन इसे हिन्दू और मुसलमान के नजरिये से देखा जा रहा है। संदेह चाहे कोई भी कर ले, हमारे प्रधानमंत्री धर्म के आधार पर नहीं, इंसानियत के आधार पर सोचते हैं।”
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