जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों ने एक बार फिर फरवरी 2019 जैसी घटना को अंजाम दिए जाने की साजिश को नाकाम कर दिया। आतंकवादी एक बार फिर विस्फोटक भरी कार को सुरक्षाबलों की गाड़ियों से टकरना चाहते थे। पिछले साल 14 फरवरी को इसी तरह के आत्मघाती हमला में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
[removed]#WATCH Inspector General of Police, Kashmir, Vijay Kumar speaks on Pulwama car bomb attack which was averted by security forces today. He says, "Jaish-e-Mohammed has the main role in this. Hizbul Mujahideen assisted them." pic.twitter.com/eeHOqj8gjO
— ANI (@ANI) May 28, 2020
जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार ने बताया कि यह साजिश जैश-ए-मोहम्मद की थी और हिज्बुल मुजाहिद्दीन इसमें मददगार था। दोनों आतंकवादी संगठन मिलकर एक बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे।
आईजी विजय कुमार ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, ''हमें पिछले सप्ताह से ही जानकारी मिल रही थी कि जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन मिलकर फिदायीन हमला करने वाले हैं। इसके लिए इन्होंने सेंट्रो कार ली है, इसमें आईडी भरकर हमला किया जा सकता है। कल दिन में और जानकारी मिली शाम
तक सूचना पुष्ट हो गई। पुलवामा पुलिस ने सीआरपीएफ और सेना की मदद से नाका पार्टी लगाया था।''
विजय कुमार ने कहा, ''आईकुर में जब वह गाड़ी दिखी तो नाका पार्टी ने वार्निंग फायरिंग की, लेकिन इसके बावजूद वह भागा। अगले नाका पर भी फायरिंग हुई। इसके बाद वह गाड़ी छोड़कर जंगल में भाग गया। सुबह बम डिस्पोजल स्क्वायड ने कार की जांच की। सुरक्षबालों ने बहुत बड़ी घटना को रोक लिया है।''
आईजी ने बताया कि हमें जानकारी मिली थी कि जैश का आतंकवादी इस घटना को अंजाम देने वाला है। यह जंग ए बदर के दिन ही होना था। उस दौरान बहुत अधिक सख्ती होने की वजह से उस दौरान ये नहीं कर पाए। उन्होंने कहा, ''हिज्बुल का आतंकी आदिल जो जैश के साथ भी चलता है और पुलवामा में पाकिस्तान का जैश का आतंकी कमांडर फौजी भाई, इस घटना को अंजाम देने वाला था। ये सुरक्षाबलों के किसी गाड़ी को निशाना बनाने वाले थे।''
उन्होंने कहा कि जांच के लिए बाहर से भी टीम बुलाई जा रही है। कार को उड़ाते समय लपटें करीब 50 मीटर तक उठी थी, पुलिस ने बताया कि विस्फोटक करीब 40-45 किलो हो सकता है।
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