प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे के अनुसार पश्चिम बंगाल में चक्रवात अम्फान से हुई क्षति का आंकलन करने के लिए एक अंतर मंत्रालयी केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) गुरुवार को वहां जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा गठित सात-सदस्यीय केंद्रीय टीम 20 मई को सुंदरबन सहित दक्षिण बंगाल के जिलों के एक बड़े हिस्से में आए चक्रवाती तूफान से हुई समग्र क्षति का जायजा लेगी।
एमएचए के संयुक्त सचिव रैंक के अधिकारी अनुज शमार् के नेतृत्व में टीम शुक्रवार को हवाई और जमीनी मूल्यांकन करेगी। सूत्रों ने कहा कि वे कोलकाता के आसपास के दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना जिलों के कुछ हिस्सों का दौरा करेंगे, जहां चक्रवात अम्फान की वजह से नुकसान और विनाश की मात्रा का पता लगाया जाएगा। टीम, राज्य की राजधानी कोलकाता के आसपास दौरा कर सकती है।
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बता दें कि राज्य के तीन हिस्सों में चक्रवात के कारण सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है। चक्रवात से 86 लोगों की मौत हो गई, कई मकान क्षतिग्रस्त और फसलें बर्बाद हो गई। सेना और एनडीआरएफ के साथ-साथ राज्य की एजेंसियों ने मिलकर जनजीवन को पटरी पर लाया।
अम्फान तूफान की वजह से पश्चिम बंगाल में हुई तबाही की वजह से कई इलाकों में लोगों काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। बिजली-पानी जैसी जरूरी सेवाओं के बहाल नहीं होने की वजह से कई जगह लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किए। प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि प्रशासन बिजली पानी की आपूर्ति को शुरू करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। इस दौरान वह यह तक कह गईं कि 'मेरा सिर काट लो'।
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