पहली बार मतदाता बने युवा दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाना चाहते हैं। युवा वोटर इंटरनेट को मौलिक अधिकार बनाने के पक्ष में हैं। शुक्रवार को रफी मार्ग स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब में दिल्ली डायलॉग 2020 कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमें पहली बार वोटर बने छात्रों ने नागरिकता कानून, यूनिफार्म सिविल कोड सहित अन्य विषयों को लेकर चर्चा की। युवा वोटर इंटरनेट को मौलिक अधिकार बनाने के पक्ष में हैं। शुक्रवार को रफी मार्ग स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब में दिल्ली डायलॉग 2020 कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमें पहली बार वोटर बने छात्रों ने नागरिकता कानून, यूनिफार्म सिविल कोड सहित अन्य विषयों को लेकर चर्चा की।
नेशनल यूथ पार्लियामेंट की तरफ से दिल्ली डायलॉग कार्यक्रम का यह आखिरी सत्र रखा गया था। पिछले कार्यक्रमों से 50 छात्रों को आखिरी सत्र के लिए चयनित किया गया था। यहां संसद की तर्ज पर मंच सजा था।
कार्यक्रम के लिए स्टार्टअप डीपीएस वसंतकुंज के छात्र कार्तिकेय गोयल ने बनाया था। उन्होंने नेशनल यूथ पार्लियामेंट संगठन के महासचिव रोहन महाजन के साथ मिलकर नए मतदाताओं के लिए कार्यक्रम किया था।
इसमें आईएमएस लॉ कालेज के मनीष कुमार विजेता, खालसा कॉलेज से अश्मन कौर व इग्नू के व्यास राज उप विजेता रहे।
कार्यक्रम में छात्रों ने इंटरनेट को मौलिक अधिकार बनाने की मांग की है। छात्रों का कहना था कि देश डिजिटल साक्षर हो रहा है। सोशल मीडिया पर संदेश को जल्दी प्रसारित किया जा सकता है। ऐसे में सरकार को इसे मौलिक अधिकार बनाना चाहिए। अगर इंटरनेट को मौलिक अधिकार बनाया गया तो कश्मीर की तरह उसे बंद नहीं किया जा सकेगा। आज के दौर में इंटरनेट को बंद करने से लोगों को परेशानी होती है।
दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के पक्ष में छात्रों का कहना था कि अगर केंद्र सरकार दिल्ली को यह दर्जा दे तो राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ी समस्याएं खत्म होंगी। दिल्ली में विकास कार्यों को रफ्तार मिलेगी। जबकि, विपक्षी छात्रों ने कहा कि दुनिया में किसी देश की राजधानी को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिला। उसके बावजूद वहां पर विकास कार्य बिना किसी रुकावट के होते हैं।
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