श्रमिक ट्रेन को लेकर उद्धव सरकारमहाराष्ट्र सरकार और रेल मंत्रालय के बीच विवाद थमता नजर नहीं आ रहा, रेलवे ने मंगलवार को आरोप लगाया कि राज्य सरकार यात्रियों के बारे में जानकारी नहीं उपलब्ध करा रही जिसकी वजह से कई श्रमिक विशेष ट्रेनों का संचालन नहीं हो पा रहा। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया कि रेलवे ने मंगलवार को 145 ट्रेनों के संचालन की योजना बनाई थी लेकिन अपराह्न तीन बजे तक सिर्फ 13 ट्रेनें चल सकीं, क्योंकि यात्री कम थे।
[removed]Even those trains remained empty & didn't have passengers. Late last evening they sent us 145 trains' lists which were completely unorganised. There were some letters written to Bihar, to UP 15 days back the date of which they cut & wrote today's date & sent to us: Railways Min https://t.co/WvrApryszl
— ANI (@ANI) May 26, 2020
उन्होंने ट्वीट किया, महाराष्ट्र सरकार के अनुरोध पर हमनें आज 145 श्रमिक विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की। यह ट्रेन सुबह से तैयार खड़ी हैं। अपराह्न तीन बजे तक 50 ट्रेनों को रवाना हो जाना था लेकिन यात्रियों की कमी की वजह से सिर्फ 13 रवाना हुईं। उन्होंने ट्वीट में कहा, मैं महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि यह सुनिश्चित करने में पूर्ण सहयोग दें कि परेशान प्रवासी श्रमिक अपने घर पहुंचे और श्रमिकों को समय पर स्टेशन पहुंचाया जाए, और विलंब न करें। इससे समूचा नेटवर्क
और योजना प्रभावित होगी।
रेलवे ने कहा कि उसने 25 मई को महाराष्ट्र से प्रवासी मजदूरों को निकालने के लिये 125 ट्रेनों की योजना तैयार की थी लेकिन राज्य सरकार देर रात दो बजे तक सिर्फ 41 ट्रेनों के लिए ही जानकारी दे पाई। रेलवे द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, इन 41 ट्रेनों में से सिर्फ 39 ट्रेन ही चलाई जा सकीं क्योंकि स्थानीय अधिकारी यात्रियों को नहीं ला पाए और इन दो ट्रेनों को रद्द करना पड़ा।
इसमें कहा गया, काफी प्रयासों और सावधानीपूर्वक योजना के बाद रेलवे बेहद कम समय में अपने संसाधनों को तैयार करता है और उसने 26 मई को महाराष्ट्र से 145 श्रमिक ट्रेनों के संचालन की योजना तैयार की थी। बयान में कहा गया, दोपहर 12 बजे तक महाराष्ट्र से 25 ट्रेनों को रवाना करने की योजना थी लेकिन कोई भी ट्रेन रवाना नहीं हुई क्योंकि यात्री नहीं आ सके थे। पहली ट्रेन में यात्रियों को बैठाने का काम साढ़े बारह बजे शुरू हो सका।
रेलवे के मुताबिक 68 ट्रेनों को उत्तर प्रदेश, 27 को बिहार, 41 को पश्चिम बंगाल तथा छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड, उत्तराखंड और केरल के लिए एक-एक ट्रेन तथा ओडिशा व तमिलनाडु के लिये दो-दो ट्रेन चलाने की योजना है। श्रमिक विशेष ट्रेनों को लेकर बीते दो दिनों से गोयल और महाराष्ट्र सरकार के बीच सियासी बयानबाजी जारी है और राज्य का आरोप है कि उसे पर्याप्त ट्रेन मुहैया नहीं कराई जा रही हैं।
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