पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीबीएसई के उस कदम पर बुधवार को हैरानी जताई है जिसमें कोविड-19 महमारी के दौरान सिलेबस कम करते हुए सीबीएसई ने कई टॉपिक जैसे- 'सिटिजनशिप', 'फेडरलिज्म' और 'पार्टिशन' को हटा दिया है।
उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से अपील करते हुए कहा कि किसी भी कीमत पर महत्वपूर्ण विषयों को न हटाएं। ममता बनर्जी ने ट्वीट करते हुए कहा- “इस बात को जानकर हैरानी हुई है कि केन्द्र सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान सीबीएसई कोर्स कम करने के लिए नागरिकता, संघीयता, धर्मनिरपेक्षता और विभाजन को हटा दिया है। हम कड़ाई से इसका विरोध करते हैं और मानव संसाधन विकास मंत्रालय और भारत सरकार से यह अपील करते हैं कि इन महत्वपूर्ण विषयों को किसी भी कीमत पर नहीं हटाया जाना चाहिए।”
सीबीएसई ने कोविड-19 के चलते कक्षा 9
से 12वीं तक के सिलेबस को 2020-21 सत्र के लिए करीब 30 फीसदी तक कम कर दिया है। इन कक्षाओं के लिए नए सिलेबस को बुधवार को नोटिफाई किया गया है।
इसके साथ ही, “पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने आयुष्मान भारत को लेकर केन्द्र पर निशाना साधा। ममता ने कहा कि आयुष्मान भारत में वह हमें 40 फीसदी देंगे और सारा श्रेय ले जाएंगे। स्वास्थ्य साथी 100 फीसदी लोगों की मदद कर रहे हैं।”
ममता ने कहा, पश्चिम बंगाल को प्रवासी मजदूर ने नहीं छोड़ा। क्यों? क्योंकि हमने लोगों का केयर किया है। दिखाइए कोई भी राज्य जिसने एक साल के लिए 100 फीसदी राशन दिया हो। बीजेपी साउथ कोलकाता के प्रसिडेंट और उनकी मां कोरोना से प्रभापित थे। जब उन्होंने कहा तो बीजेपी ऑफिस उनकी मददन नहीं कर पाया। मैंने कदम उठाते हुए उन्हें भर्ती कराया।
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