महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नए प्रस्ताव पर शिवसेना ने जवाब दिया है. बुधवार को शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि अब कोई प्रस्ताव ना आएगा, ना जाएगा. जो पहले तय हुआ था, उसी के हिसाब से बातचीत होगी. मीडिया से बात करते हुए राउत ने कहा, 'एक लाइन का प्रस्ताव है जो पहले तय हुआ था. अब नया प्रस्ताव आया गया उसका क्या मतलब है? अब कोई प्रस्ताव ना आएगा, ना जाएगा. जो बात पहले हुई थी वही बात होगी. नई बात नहीं होगी. सहमति पहले हुई थी.'
साथ ही राउत ने कहा, 'मुख्यमंत्री पद पर जो सहमति बनी थी उसी पर हमनें चुनाव लड़ा था, उसी पर गठबंधन हुआ था. अगर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शाषण लगाने की जरूरत पड़ती है तो यह जनता के साथ अन्याय होगा. महाराष्ट्र अगर राष्ट्रपति शासन की तरफ बढ़ रहा है तो उसके लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं.'
बता दें, एक तरफ, बीजेपी ने शिवसेना के साथ सरकार बनाने पर जोर देते हुए बातचीत के लिए 24 घंटे दरवाजे खुले होने का दावा किया और गेंद शिवसेना के पाले में डाल दी है. तो अब दूसरी तरफ, शिवसेना की तरफ से एक नया ट्वीट आया है, जिसके
कई मायने निकाले जा रहे हैं. महाराष्ट्र में जारी गतिरोध के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने बुधवार की सुबह ट्वीट किया, ''जो लोग कुछ भी नहीं करते हैं, वो कमाल करते हैं...'' बता दें कि एक दिन पहले ही संजय राउत ने कहा था कि, 'मु्ख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा...महाराष्ट्र की राजनीति बदल रही है....आप खुद देखेंगे.' राउत ने कहा, 'जिसे आप हंगाम कह रहे हैं वो हंगामा नहीं है बल्कि न्याय और अधिकारों की लड़ाई है. जीत हमारी होगी.'
वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को कहा कि अगर शिवसेना यह घोषणा कर दे कि उसने भाजपा के साथ अपना संबंध तोड़ दिया है तो महाराष्ट्र में एक राजनीतिक विकल्प बनाया जा सकता है. राकांपा सूत्रों ने बताया कि पार्टी चाहती है कि केंद्र सरकार में शिवसेना के इकलौते मंत्री अरविंद सावंत भी इस्तीफा दे दें.
राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने यहां कहा, ‘‘इससे बढ़िया कुछ नहीं हो सकता अगर भाजपा शिवसेना को मुख्यमंत्री पद दे देती है लेकिन अगर भाजपा इनकार कर रही है तो एक विकल्प दिया जा सकता है. लेकिन शिवसेना को यह एलान करना होगा कि उसका भाजपा और राजग से अब कोई नाता नहीं है. इसके बाद विकल्प मुहैया कराया जा सकता है.'
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