इस साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई साम्प्रदायिक हिंसा (North East Delhi Violence) को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद हुसैन दलवई ने कहा कि कपिल मिश्रा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ही दिल्ली में दंगे भड़काए थे।
मंगलवार को दलवई ने कहा कि दिल्ली दंगों को भड़काने में कपिल मिश्रा और बीजेपी की भूमिका है। माहौल बिगड़ गया और दंगे हो गए। पुलिस केवल एक पक्ष और एक वर्ग विशेष के लोगों को निशाना बना रही है।
दिल्ली में न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए दलवई ने दिल्ली दंगों के मामले में कपिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर के लिए याचिका पर स्टेटस रिपोर्ट मांगने पर भी खुशी जताई। उन्होंने कहा कि अदालत के इस कदम से मैं बहुत खुश हूं कि कोर्ट ने कपिल मिश्रा के बारे में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।
दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर प्रदेश के तीन निवासियों द्वारा फरवरी के महीने में क्षेत्र में हिंसा को भड़काने में अपनी कथित भूमिका को लेकर दिल्ली और उत्तर प्रदेश के तीन निवासियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने
के बाद स्टेटस रिपोर्ट मांगने के लिए पुलिस को नोटिस जारी किया है।
गौरतलब है कि नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच संघर्ष के बाद 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे।
इस हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। साथ ही सरकारी और निजी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा था। उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया था और स्थानीय लोगों तथा पुलिस कर्मियों पर पथराव किया।
इस दौरान राजस्थान के सीकर के रहने वाले दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की 24 फरवरी को गोकलपुरी में हुई हिंसा के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी और डीसीपी और एसीपी सहित कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल गए थे। साथ ही आईबी अफसर अंकित शर्मा की हत्या करने के बाद उनकी लाश नाले में फेंक दी गई थी।
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