आज से संसद के बजट सत्र का आरंभ हो गया। संसद सत्र से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संयुक्त सत्र को संबोधित किया और कहा कि विरोध के नाम पर हिंसा देश और समाज को कमजोर करती है। नागिरकता संशोधन कानून पर रामनाथ कोविंद ने कहा कि दोनों सदनों ने इसे बनाकर महात्मा गांधी के सपनों को पूरा किया। साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाऩए जाने को ऐतिहासिक करार दिया। तो चलिए जानते हैं राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में क्या-क्या कहा...
1. संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि मेरी सरकार का स्पष्ट मत है कि पारस्परिक चर्चा-परिचर्चा तथा वाद-विवाद लोकतंत्र को और सशक्त बनाते हैं। विरोध के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा, समाज और देश को कमजोर करती है।
2. राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि विभाजन के बाद बने माहौल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि- 'पाकिस्तान के हिंदू और सिख, जो वहां नहीं रहना चाहते, वे भारत आ सकते हैं। उन्हें सामान्य जीवन मुहैया कराना भारत सरकार का कर्तव्य है।' उन्होंने आगे कहा कि पूज्य बापू के इस विचार का समर्थन करते हुए, समय-समय पर अनेक राष्ट्रीय नेताओं और राजनीतिक दलों ने भी इसे आगे बढ़ाया। हमारे राष्ट्र निर्माताओं की उस इच्छा का सम्मान करना, हमारा दायित्व है। मुझे प्रसन्नता है कि संसद के दोनों सदनों द्वारा नागरिकता संशोधन कानून बनाकर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की इच्छा को पूरा किया गया है।
3. राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि संसद के दोनों सदनों द्वारा दो तिहाई बहुमत से संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को हटाया जाना, न सिर्फ ऐतिहासिक है बल्कि इससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के समान विकास का भी मार्ग प्रशस्त हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का तेज विकास, वहां की संस्कृति और परंपराओं की रक्षा, पारदर्शी व ईमानदार प्रशासन और लोकतंत्र का सशक्तीकरण, मेरी सरकार की प्राथमिकताओं में हैं।
4. हमारा देश हमारे अन्नदाता किसानों का ऋणी है जिनके परिश्रम से हम खाद्यान्न में आत्मनिर्भर हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 8 करोड़ से ज्यादा किसान-परिवारों के बैंक खाते में 43 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक राशि जमा कराई जा चुकी है। देश के 50 करोड़ से अधिक पशुधन को
स्वस्थ रखने का एक बहुत बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। नेशनल एनीमल डिज़ीज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत पशुओं के फूट एंड माउथ डिजीज से बचाव के लिए उनके टीकाकरण व अन्य उपायों पर 13 हज़ार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
5. राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि 'मिनिमम गवर्मेंट, मैक्सिम गवर्नेंस' के मूल सिद्धांत पर चलते हुए सरकार द्वारा अनेक सुधार किए गए हैं। हाल ही में 58 और कानूनों को समाप्त करने के बाद अब सरकार द्वारा समाप्त किए गए कानूनों की संख्या लगभग 1500 तक पहुंच गई है। आज देश में 121 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास आधार कार्ड है तथा लगभग 60 करोड़ लोगों के पास Rupay कार्ड है। दिसंबर 2019 में यूरीआई के माध्यम से रिकॉर्ड 2 लाख करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ है। डीबीटी के माध्यम से पिछले 5 वर्षों में 9 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में ट्रांसफर की गई है। लीकेज रुकने की वजह से मेरी सरकार द्वारा एक लाख 70 हजार करोड़ से अधिक रुपए, गलत हाथों में जाने से बचाए गए हैं।
6. राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि मेरी सरकार भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए सभी स्टेकहोल्डर्स से बातचीत करके अर्थव्यवस्था में हर स्तर पर काम किया जा रहा है। दुनियाभर से आने वाली चुनौतियों के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था की नींव मजबूत है। हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 450 बिलियन डॉलर से भी ऊपर के ऐतिहासिक स्तर पर है।
7. राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि वन नेशन, वन टैक्स यानी जीएसटी ने भी टेक्नोलॉजी के माध्यम से देश में पारदर्शी व्यापार को बढ़ावा दिया है। जब जीएसटी नहीं था तो दो दर्जन से ज्यादा अलग-अलग टैक्स देने होते थे। अब टैक्स का जाल तो समाप्त हुआ ही है, टैक्स भी कम हुआ है।
बता दें कि इस अवसर पर सदन में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी एवं अन्य केन्द्रीय मंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, विभिन्न विपक्षी नेता तथा सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के सांसद मौजूद थे।
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