जेएनयू हिंसा मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की एसआईटी ने शुक्रवार को जांच से जुड़ी अहम बातें मीडिया में रखीं। डीसीपी जॉय टिर्की ने कहा कि हिंसा और तोड़फोड़ के मामले में छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत 9 सदस्यों की पहचान कर ली गई है। अभी तक किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा- जल्द ही इन लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद आइशी घोष ने कहा- मेरे पास भी सबूत है। लेकिन, उन्होंने यह नहीं बताया कि उनके पास सबूत किस संबंध में हैं।
डीसीपी टिर्की ने कहा- जेएनयू में लेफ्ट से जुड़े 4 संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। ये लोग नियम तोड़ रहे और असुविधा पहुंचा रहे हैं। स्टूडेंट फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन, ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन, डेमोक्रेटिक स्टूडेंट फेडरेशन लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
डीसीपी टिर्की ने कहा- यह बेहद संवेदनशील मामला है इसलिए जांच के दौरान ही हमने मीडिया ब्रीफिंग का फैसला किया। मीडिया 5 तारीख की शाम की घटना को कवर कर रहा है। इससे पहले भी मारपीट और तोड़फोड़ की घटनाएं हुई हैं। 4 छात्र संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। ये लोग किसी को रजिस्ट्रेशन नहीं कराने दे रहे थे।
उन्होंने बताया, ‘‘प्रदर्शनकारी किसी को भी रजिस्ट्रेशन नहीं करने दे रहे थे। अगर कोई कोशिश करता था तो उसे डरा-धमका रहे थे। इन प्रदर्शनकारियों ने 3 जनवरी और 4 जनवरी को रजिस्ट्रेशन ऑफिस में घुसकर तोड़फोड़ की और सर्वर रूम को तबाह किया। इन लोगों ने स्टाफ के साथ भी मारपीट की।’’
डीसीपी टिर्की ने कहा- 5 तारीख को सुबह 11:30 बजे स्टाफ रजिस्ट्रेशन की कोशिश कर रहा था। एक दल आया और स्टाफ से गेट पर चलने को कहा, उन्हें पीटा गया। इस दौरान सुरक्षाकर्मी बचाव करने गए तो
उन्हें भी चोटें आईं। 3:45 बजे इन्हीं लोगों ने पेरियार हॉस्टल में जाकर तोड़फोड़ की, लोगों को चोट भी पहुंची। यहां कुछ खास कमरों पर ही हमला किया गया।
‘‘5 तारीख की शाम को टी-प्वाइंट पर शिक्षकों और छात्रों के बीच शांतिवार्ता चल रही थी और इसी दौरान एक गुट आया। ये नकाबपोश थे और इनके हाथों में डंडे थे। इन लोगों ने साबरमती हॉस्टल में घुसकर मारपीट की। कुछ खास कमरों में ही ये लोग घुसे।’’
डीसीपी टिर्की ने कहा- जांच के लिए कैम्पस में रहने वाले लोगों से भी बातचीत की जा रही है। हम यह भी जांच कर रहे हैं कि कौन अंदर का आदमी है और कौन बाहर का है। कुछ वॉट्सऐप ग्रुप भी घटना के दिन ही बनाए गए। हम लोग सीसीटीवी फुटेज हासिल करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन हम उन्हें हासिल नहीं कर पाए। 30-32 तक लोगों से बातचीत की है। वायरल वीडियो के जरिए लोगों से पूछताछ कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि एक वॉट्सऐप ग्रुप की पहचान की गई है। इसका नाम "यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट' है। इसमें 60 मेंबर हैं। कुछ लोगों की पहचान भी की है। इसमें आइशी घोष समेत चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, भास्कर, सुचेता, प्रिया रंजन, सामंत, योगेंद्र भारद्वाज, विकास पटेल शामिल हैं, इन लोगों की पहचान की गई है। किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है। इन लोगों को नोटिस भेजने जा रहा हूं। मैं इनसे पूछताछ करूंगा।
आइशी घोष ने कहा- दिल्ली पुलिस अपनी जांच कर सकती है। मेरे पास भी सबूत हैं, जिनसे जाहिर हो जाएगा कि मुझपर किस तरह हमला किया गया। मेरा देश के कानून और व्यवस्था में पूरा विश्वास है। मैं जानती हूं कि जांच निष्पक्ष होगी। मुझे न्याम मिलेगा, लेकिन दिल्ली पुलिस पक्षपात क्यों कर रही है? मेरी शिकायत पर एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई। मैंने किसी पर कोई हमला नहीं किया।
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