कानपुर एनकाउंटर में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों का मुख्य हत्यारोपी विकास दुबे के ऊपर इनाम की राशि ढाई लाख की गई। डीजीपी एचसी अवस्थी ने इसकी घोषणा की है। आईजी रेंज कानपुर ने इनाम की रकम ढाई लाख किए जाने की संस्तुति करते हुए फ़ाइल डीजीपी ऑफिस भेजी थी। इससे पहले 50 हजार और उसके बाद 1 लाख इनाम की राशि की गई।
कानपुर में गुरुवार रात बदमाशों द्वारा पुलिस पर किए गए हमले में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। एक सीओ और दो एसओ समेत आठ पुलिसकमिर्यों पर हमला करके जान लेने का आरोपी कुख्यात बदमाश विकास दुबे पर 60 से ज्यादा मुकदमे दर्ज है। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर अपने चचेरे भाई पर जानलेवा हमला करने का भी आरोप है। बताया जा रहा है भाई को मारने के लिए उसने जेल में बैठकर पूरे साजिश रची थी। वहीं 19 साल पहले 2001 में उस पर थाने में घुसकर राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या
का आरोप था। इस हत्याकांड का कोई गवाह न मिलने पर बरी हो गया था।
वर्ष 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास का नाम आया था। इसके अलावा कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में ही वर्ष 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास की जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप है। वर्ष 2004 में केबिल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास आरोपित है।
विकास दुबे पुलिस से बचने के लिए लखनऊ स्थित अपने कृष्णा नगर के घर पर छिपा हुआ था। शासन ने कुख्यात हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने के लिए लखनऊ एसटीएफ को लगाया था। कुछ समय पहले ही एसटीएफ ने उसे कृष्णा नगर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अब एक बार फिर जेल से निकलने के बाद ये फरार हो गया।
Copyright @ 2019 All Right Reserved | Powred by eMag Technologies Pvt. Ltd.
Comments