कांगड़ा, 24 जनवरी,(रितेश ग्रोवर):कांगड़ा के पुराना कांगड़ा के वार्ड 1 में बिना अनुमति ही वन विभाग की भूमि पर एक नीजि कंपनी द्वारा लगाये जा रहे मोबाइल टावर के निर्माण को लेकर स्थानीय लोग लामबंद हो गये है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि मोबाइल की एक निजी कंपनी मंदिर की भूमि पर ही मोबाइल टावर का कार्य शुरू कर दिया है जबकि इसके लिए ना तो मंदिर की भुमि के संचालकों से बात की गई और ना ही नगर परिषद कांगड़ा व वन विभाग से मंजूरी ली गई।
बताया जा रहा है कि वन विभाग कांगड़ा की टीम ने शुक्रवार को मोबाइल टावर खड़ा कर रहे लोगों को कार्य बंद करने का भी फरमान सुनाया परन्तु लोगों में इस बात का रोष है कि मोबाइल टावर का निर्माण कर रहे लोगों ने कैसे बिना अनुमति से ही मंदिर की भूमि पर ही निर्माण कार्य के तहत कई मीटर लंबा गड्ढा कर दिया और इसमें सरिया व सीमेंट भी डाल दिया। स्थानीय लोगों के विरोध के चलते कांगड़ा प्रशासन जागा व वन विभाग के पास शिकायत पहुंचते ही वन अधिकारी मौके पर पहुंचे और कार्य का रूकवाया।
स्थानीय निवासी अनिल कुमार ने बताया कि पुराना कांगड़ा की पहाड़ी पर स्थित जग संदूरी माता
की जमीन पर पिछले कुछ दिनों से मोबाइल आवर के निर्माण का कार्य चल रहा था और इस बाबत पता किया तो मोबाइल टावर का कार्य जग सुंदरी माता की जमीन पर हो रहा था। उन्होने बताया कि जग संदुरी माता की जमीन जिलाधीश कांगड़ा द्वारा मंदिर को स्थानातरित की गई है और ऐसे में मोबाइल टावर लगा रही कंपनी ने कैसे बिना अनुमति के मोबाइल टावर का कार्य शुरू कर दिया।
उन्होने बताया कि इस संबंध में शुक्रवार को कांगड़ा उपमंडलाधिकारी से स्थानीय लोग मिलने भी गये परंतु वह कार्यलय में नही मिलने से उन्हे शिकायत नही दी जा सकी है। वही वन विभाग के खंड अधिकारी अशोक कुमार का कहना था कि स्थानीय लोगों की शिकायत पर वह जग संदुरी माता की जमीन पर गये तो वहां मोबाइल टावर के निर्माण का कार्य चल रहा था और उनसे मोबाइल टावर निर्माण के अनुमति कागज मांगे गये तो वह दिखा नही पाये जिस पर उन्होने कार्य पर बंद करने के निर्देश दे दिये है।
स्थानीय लोगों ने चेताया है कि मोबाइल टावर का निर्माण मंदिर व वन भूमि पर किसकी अनुमति से शुरू हुआ इसकी जांच हो और उपयुक्त कानूनी कार्रवाही अमल में लाई जाए अन्यथा स्थानीय लोगों को विरोध का रास्ता अपनाना पडेगा।
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