आपने हमेशा सुना होगा की सीवर लाईन या घर का ड्रेनेज सिस्टम जाम हो जाय वो भी कूडे कचरे की वजह से पर क्या कभी आपने सुना है कि एक पाँच मंजिला घर की सीवर जाम हो जाय वो भी कंडोम की वजह से। तो जी हां यह हाल का एक वाकया सामने आया है जिसमे सीवर लाईन जाम होने के बाद सफाई कर्मी को सिर्फ कंडोम के गुच्छे मिले वो भी इस पाँच मंजिला भवन मे दो ऑफिस है और मात्र तीन परिवार रह्ते है। है ना चौकाने वाला किस्सा । अब सोचिये जब यही कंडोम सीवर से नाले मे और फिर यमुना मे और समुद्र मे जाता होगा तो कितने जानवरो के लिये मौत की वजह बनता होगा। यह रबर का खिलौना जो सुरक्षा के लिये इस्तेमाल होता आ रहा है और दूसरा क्या अब दिल्ली सेक्स कॉलोनी मे तब्दील होती नजर आ रही है। यह शोध का और चिन्ता का विषय है क्योकी अगर कोई इसका इस्तेमाल करता भी है तो इसको डस्टबिन मे क्यो नही डालता जिससे यह नष्ट किया जा सके वेस्ट मैनेजमेंट की सरकारी व्यव्स्था के तहत ।
जब लोग चरम सुख की प्राप्ति लेलेते है तब वो इस सुरक्षा कवच को फ्लश करना ज्यादा पसंद करते है उसके पीछे उनके मन मे किसी और को ना दिख जाय वाली हीन भावना होती है। पर वो ऐसा खेल खेलते वक़्त शायद यह मह्सूस करते हो कि उनकी वजह से क्या क्या मुसीबत झेलना पड़ता है।
भारत मे सरकार ने भी ऐसी घटनाओं को देखते हुये नियम व कानून बनाया है अगर सभी लोग इस सही तरीके का इस्तेमाल करते हुए कंडोम को सही जगह ही फेंकेंगे तो इन समस्याओं से निपटारा पाया जा सकेगा। आइए जानते प्रबंधन कानून के बारे मे...
ठोस कचड़ा प्रबंधन के लिये बनाये गये कानून में पहली बार ‘सैनिटरी वेस्ट’ को परिभाषित किया गया है। इसमें डायपर्स, नैपकिन और कंडोम को शामिल किया गया है। परिभाषा के साथ ही इसके निष्पादन का खाका खींचा गया है। सरकार का यह कदम जहां प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को पूरा करने की दिशा में अच्छा कदम साबित हो सकता है।
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