कोरोना काल में अमित शाह के नेतृत्व मे डिजिटल राजनीति को तैयार भाजपा

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कोरोना काल में अमित शाह के नेतृत्व मे डिजिटल राजनीति को तैयार भाजपा

Deepak Chauhan 10-06-2020 11:57:36

कोरोना काल में भाजपा ने वर्तमान परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाते हुए राजनीतिक गतिविधियों को तेज कर दिया है। लॉकडाउन और सामाजिक दूरी के माहौल में भाजपा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर वर्चुअल संवाद के जरिए लोगों तक पहुंच रही है। उसकी चुनावी तैयारी भी शुरू हो गई है और संगठनात्मक कार्य भी। भाजपा मुख्यालय में वर्चुअल रैलियों का मंच भी तैयार हो गया है, जिससे उसके बड़े नेता संबोधित कर रहे हैं।

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले साल के पूरे होने पर की जा रही वर्चुअल रैलियों के माध्यम से पार्टी देशभर में पहुंच रही है और डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए अपनी जगह भी बना रही है।

भाजपा यह मानकर चल रही है कि कोरोना काल लंबा खिंच सकता है और देश की राजनीतिक गतिविधियों को तब तक ठप नहीं रखा जा सकता है। सबसे पहले बिहार के विधानसभा चुनाव है, उसके बाद उसे पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों की तैयारी करनी है। हर साल कोई न कोई महत्वपूर्ण राज्यों का चुनाव होना है और भाजपा उसके लिए विरोधी दलों को मौका नहीं देना चाहती है।


अमित शाह ने संभाली संवाद की कमान

जेपी नड्डा के हाथों में पार्टी की कमान जाने के बावजूद गृहमंत्री अमित शाह संगठन के स्तर पर पूरी तरह सक्रिय हैं। वर्चुअल रैलियों में भी संवाद की मुख्य
कमान खुद संभाले हुए हैं। उनका फोकस पूर्वी भारत पर ज्यादा है, जो भाजपा की भावी रणनीति के लिए अहम है। शाह ने अपनी रैलियों की शुरुआत बिहार से की, जहां नवंबर में चुनाव होने हैं। उसके बाद ओडिशा और पश्चिम बंगाल में रैलियां हैं। सरकार और भाजपा दोनों का लक्ष्य पूर्वी भारत है, चाहे वह राजनीतिक फलक हो या विकास योजनाओं का दायरा।


रणनीति के साथ संवाद

पार्टी के अन्य नेता भी रणनीति के मुताबिक विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में सभाएं कर रहे हैं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह व पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत तमाम बड़े नेताओं को रणनीति के हिसाब से ही विभिन्न राज्यों में वर्चुअल रैलियों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। किन राज्यों में गठबंधन के साथ आगे बढ़ना है, कहां क्षेत्रीय दलों से मुकाबला करना है और कहां पर कांग्रेस से सीधे संघर्ष करना है? इसे इन रैलियों की तैयारी में खास ध्यान रखा गया है।

वर्चुअल रैलिया होने से इन पर मौसम का भी ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। पार्टी की योजना अगले कुछ महीनों में संगठन और राजनीतिक संवाद के लिए डिजिटल प्लेटफार्म पर और ज्यादा सक्रियता को बढ़ाने की है। इस मोर्चे पर फिलहाल उसके तमाम विरोधी दल अभी काफी पीछे हैं। तब तक पार्टी अपने कार्यकर्ताओं और समर्थक वर्ग को पूरी तरह चार्ज कर लेना चाहती है।

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