दिल्ली चुनाव के वोटों की गिनती जारी है। अब तक के रुझानों में दिल्ली में एक बार फिर से आम आदमी पार्टी की सरकार बनती दिख रही है। दिल्ली चुनाव के रुझानों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी करीब 58 सीटों पर आगे चल रही हैं, वहीं बीजेपी 12 पर। बीजेपी के आंकड़ों में भले ही सुधार हुआ है, मगर उसका वनवास खत्म नहीं हो पाया है। भाजपा 22 साल से वनवास झेल रही थी और अब उसमें 5 साल का इजाफा और हो गया है। कांग्रेस की पिछली बार की तरह इस बार भी करारी हार हुई है। अब तक के रुझानों में कांग्रेस का कहीं खाता खुलता भी नहीं दिख रहा है।
पिछले 22 वर्ष से भाजपा सूबे की सत्ता से बाहर थी, मगर इस चुनाव में भी भी अगर रुझानों के मुताबिक आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है तो इस 22 साल के वनवास में 5 साल और जुड़ जाएगा। इस बार भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं ने चुनाव में पूरा दम लगाया। खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दिल्ली के दंगल में कूदे और गली-गली में प्रचार करने के लिए गए। इसके अलावा, सांसदों और मंत्रियों को बड़ी संख्या में दिल्ली की गलियों में उतारा गया। मगर दिल्ली की जनता एक बार फिर से अरविंद केजरीवाल पर भरोसा जताती दिख रही है।
कांग्रेस के सामने अपना खिसकता हुआ जनाधार बचाने की चुनौती थी। मगर रुझानों में वह कहीं नहीं दिख रही है। अब तक के रुझानों के मुताबिक, 2013 तक दिल्ली
की सत्ताधारी पार्टी रही कांग्रेस के पास पिछली बार की तरह ही इस बार फि एक भी विधायक नहीं है। कांग्रेस दिल्ली में विधानसभा और लोकसभा चुनाव हार चुकी है। पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी को कोई सीट नहीं मिली थी, लेकिन उसका वोट प्रतिशत आम आदमी पार्टी से ज्यादा रहा। इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस यह उम्मीद कर रही थी कि कम से कम खाता भी खुल जाए, मगर रुझानों में ऐसा होता नहीं दिख रहा है।
दिल्ली चुनाव के रुझानों की मानें तो अरविंद केजरीवाल हैट्रिक लगा चुके हैं, महज औपचारिकताएं शेष हैं। जैसा कि रुझान में साफ है कि आम आदमी पार्टी की तीसरी बार सरकार बनेगी, तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने वाले अरविंद केजरीवाल दूसरे मुख्यमंत्री होंगे। शीला दीक्षित यह कारनामा पहले ही कर चुकी हैं। वे तीन बार दिल्ली की सत्ता में रहीं। केजरीवाल दो बार सीएम पद की शपथ ले चुके हैं। अगर वह तीसरा चुनाव जीतते हैं तो सूबे के साथ साथ देश की सियासत में भी उनका कद बढ़ेगा। आप वर्ष 2015 में दिल्ली का चुनाव जीतने के बाद कोई बड़ी सफलता हासिल नहीं कर पाई है। निगम और लोकसभा के चुनावों में उसे हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में दिल्ली की सत्ता में आप की वापसी से पार्टी के मुखिया का कद बढ़ेगा।
साल 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आमदी पार्टी ने 70 सीटों में से 67 सीटें अपने नाम की थी। उस चुनाव में बीजेपी को महज 3 सीटें हाथ लगी थी और कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया था।
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