केंद्र सरकार ने एक अहम कदम उठाते हुए लद्दाख के बजट में छह गुना की बढ़ोतरी की है। 2018-19 में लद्दाख के लिए 1172 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया था, जिसे अब 2020-21 में (केंद्रशासित प्रदेश बनने की तारीख से लागू) बढ़ाकर 5958 करोड़ रुपए कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के कार्यालय की ओर से यह जानकारी दी गई है।
बीते पांच अगस्त को ही जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त होने के एक साल पूरे हुए हैं। पिछले साल 5 अगस्त को केंद्र ने संविधान के अनुच्छेद-370 के तहत जम्मू कश्मीर को प्रदत्त विशेष प्रावधान को पिछले साल पांच अगस्त को खत्म कर दिया था और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों-जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित कर दिया था।
दूसरी ओर, जम्मू-कस्मीर में भी सरकार तेजी से विकास के मोर्चे पर फोकस करके लोगों का दिल जीतने में जुटी है। रोजगार के लिहाज से उद्योग लगाने के लिए छह हजार एकड़ सरकारी भूमि चिन्हित की गई है। करीब 13600 करोड़ रुपए के 168 एमओयू दस्तखत किए गए हैं। बीते एक साल में सात केंद्र प्रायोजित योजनाओं में
शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा करने का दावा जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा किया गया है। आकांछी जिलों में शामिल कुपवाड़ा में सोशल सेक्टर की योजनाओं में त्वरित कारीबक जरिये जिले के कई गांवों को मॉडल बनाने की कोशिश की गई है।
अधिकारियों का कहना है कि पंचायतों के जरिए बड़े पैमाने पर काम हो रहे हैं। केंद्र की ओर से स्पष्ट संकेत स्थानीय प्रशासन को है कि लोगों की शिकायतों को दूर करने और मुख्यधारा से जोड़ने का एकमात्र जरिया विकास है। गृहमंत्री अमित शाह ने बीते एक साल में स्थानीय लोगों से सतत संपर्क में विकास को ही फिजा बदलने का मूलमंत्र बताया है।
बीते एक साल की उपलब्धियों का दावा करते हुए कहा गया है कि 50 नए डिग्री कॉलेज शुरू किए गए हैं और 25 हजार नई सीट कॉलेज में जुड़ी हैं। हालांकि कोविड की वजह से संस्थान बंद चल रहे हैं। सात नए मेडिकल कॉलेज जम्मू-कश्मीर में शुरू हुए हैं। सेब के लिए विशिष्ट बाजार मुहैया कराया गया है। कुपवाड़ा ऑर्गेनिक खेती का हब बन रहा है। हुनर के नए केंद्र से महिलाओं को आसपास काम मिल रहा है।
Copyright @ 2019 All Right Reserved | Powred by eMag Technologies Pvt. Ltd.
Comments