घरौंडा प्रवीण कौशिक : शहर के सर्विस रोड पर आवारा पशु किसी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते है। शहर के चौंक-चौराहों और सर्विस लेन पर आवारा पशु कब्जा जमाए बैठे रहते है। जिससे ना सिर्फ हादसों का डर बना रहता है बल्कि वाहन चालकों को आवागमन में भारी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है। ऐसा नहीं है कि प्रशासन को इसकी जानकारी ना हो, बावजूद इसके प्रशासन इस ओर से अपनी आंखें मूंदे बैठा है। शहरवासियों ने शहर को आवारा पशुओं से मुक्त बनाने की मांग की है।
बुधवार को मंडी मनीराम के पास एक आवारा पशु ने सर्विस रोड के बीचों बीच अपना डेरा जमा लिया। जिस कारण वाहन चालकों की रफ्तार धीमी पड़ गई। पशु के सड़क के बीच में बैठने से वाहन चालकों को क्रासिंग में भी दिक्कत हुई। वाहन चालक रविंद्र, प्रवीन कुमार, मोहित शर्मा, राजिंद्र पाल, सुनील कुमार व अन्य का कहना है कि सर्विस रोड के साथ-साथ हाइवे पर भी आवारा पशु हादसे का कारण बनते है। नेशनल हाइवे पर सर्विस रोड की बजाए रफ्तार कई गुणा
होती है।
ऐसे में अचानक आवारा पशु गाडिय़ों के सामने आ जाते है, जिनको बचाने के चक्कर में वाहन चालक अपना संतुलन खो देते है। जिससे हादसे हो जाते है। वहीं शहरवासी रिंकू, पवन कुमार, राहुल, रविंद्र, पंकज व अन्य का कहना है कि शहर के विभिन्न चौंक चौराहों पर आवारा पशु घुमते रहते है। इन आवारा पशुओं के कारण बाजार के अंदर दिक्कत ओर भी ज्यादा बढ़ जाती है। नगरपालिका शहर को आवारा पशुओं से मुक्त करने का दावा करती है लेकिन हकीकत कुछ ओर ही होती है। नगरपालिका प्रशासन को लोगों की इस दिक्कत की तरफ ध्यान देना चाहिए।
वर्जन- आवारा पशुओं को गऊशाला में छुड़वाने के लिए टेंडर समाप्त हो चुका है। सरकार की नई हिदायतों के अनुसार एडीसी करनाल की अध्यक्षता में नया टेंडर होगा। जिसको लेकर पत्र व्यवहार किया गया है। जनहित में नगरपालिका अपने स्तर पर आवारा पशुओं को गऊशाला में छुड़वाने का काम करती है। इसके अतिरिक्त यदि हाइवे पर रात के समय भी कोई पशु मर जाता है तो उसको भी नगरपालिका उठवाने का काम करती है।
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