अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्लीः बिहार विधान सभा चुनावों के नतीजों में पटना में जनता दल यूनाइटेड के विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार को नेता चुन लिया गया. तीसरी पार्टी बनने के बावजूद जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष नीतीश कुमार सातवीं बार राज्य के मुख्यमंत्री होने जा रहे हैं. इस बीच उन्होंने खुद को अंहकारी या अभिमानी कहे जाने को खारिज किया है. उन्होंने इस बात से भी इनकार किया है कि कोरोनावायरस लॉकडाउन के दौरान उनकी चुप्पी की वजह से उनके और उनकी पार्टी जेडीयू के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर कोई रोष या असंतोष था.
जल्द बिहार में एनडीए सरकार
आज की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जल्द ही एनडीए बिहार में नई सरकार बनाएगी. वैसे खबर है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार 16 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. इस बार चुनाव में जनता दल यूनाइटेड को पहले की तुलना में कम सीटें मिली हैं और बीजेपी को लगभग दोगुनी से कुछ ही कम. इससे नीतीश कुमार पर मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने का भी दबाव है. सुबह में हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा प्रमुख जीतन राम मांझी नीतीश कुमार के आवास पर अपने तीन विधायकों के साथ पहुंचे और आगे की रणनीति पर चर्चा की.
महागठबंधन की भी हुई बैठक
सुबह में पूर्व सीएम राबड़ी देवी के घर पर महागठबंधन की भी बैठक हुई जिसमें हार पर चर्चा हुई. बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि जनादेश गठबंधन के पक्ष में था. चुनाव आयोग के कारण नतीजे एनडीए के पक्ष में आए। अगर रद्द किए गए पोस्टल बैलेट की चुनाव
आयोग इमानदारी से जांच कराए तो आरजेडी की जीत होगी। कई जगहों पर करीब 900 पोस्टल बैलेट कैन्सिल हुए हैं.
तेजस्वी ने नहीं मानी हार
तेजस्वी ने हार नहीं मानी है. पार्टी को उम्मीद है कि हम और वीआईपी के 4-4, असदुद्दीन ओवैसी के 5 और बीएसपी और अन्य के साथ मिल कर अब भी महागठबंधन सरकार बना सकती है. हालांकि फिलहाल हम और वीआईपी एनडीए का हिस्सा है. अगर ये या इनका छोटा हिस्सा भी एनडीए से अलग होता है तो भावी नीतीश सरकार अल्पमत में आ सकती है. आरजेडी ने कहा है कि नीतीश कुमार की जेडीयू ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है. पार्टी तीसरे नंबर पर आई है. ऐसे में नीतीश खुद कुर्सी छोड़ दें. महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने कहा कि वो रोएंगे नहीं आर संघर्ष करेंगे. पार्टी शिक्षा रोजगार और स्वास्थ्य पर एनडीए सरकार पर हमले करती रहेगी.
इस बार एनडीए का वोट शेयर 37.3 रहा जबकी महागठबंधन का 37.2 यानी केवल .1 कम. 5 करोड़ से कुछ ज्यादा कुल वोटिंग में ये हिस्सा केवल साढ़े 12 हजार वोटों का है.
कांग्रेस पर हार का ठीकरा
महागठबंधन में शामिल पार्टियां हार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताने लगी हैं. खुद एनसीपी से कांग्रेस में आए तारीक अनवर ने माना की कांग्रेस के कारण महागठबंधन बिहार में हारा. अगर कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर होता तो आज बिहार में महागठबंधन की सरकार होती.
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