पांचवे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर तेलंगाना में देश ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना का उद्घाटन किया गया. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संयुक्त रूप से तेलंगाना के मेडिगड्डा में बने कालेश्वरम गोदावरी लिफ्ट सिंचाई परियोजना का फीता काटकर उद्घाटन किया.
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कलेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना तेलंगाना के साथ-साथ महाराष्ट्र के लोगों के लिए एक उपहार है. तेलंगाना ने इस परियोजना को रिकॉर्ड गति से पूरा किया. इस परियोजना से तेलंगाना की सूरत बदल जाएगी और विकास को गति मिलेगी.
यह परियोजना मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) और भेल के सहयोग से 82000 करोड़ रुपये की लागत से महज तीन साल में तैयार हुई है. इसके जरिए तेलंगाना के 13 जिलों के 18 लाख एकड़ जमीन की सिंचाई के अलावा राज्य का पेयजल संकट दूर हो जाएगा. जबकि महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश के कई जिलों में जल अपूर्ति की जाएगी.
गोदावरी के पानी को पंप के उपयोग से प्रतिदिन 13 टीएमसी पानी को दुनिया की सबसे लंबी 14.09 किलोमीटर की सुरंग के जरिये मेडिगड्डा बैराज पहुंचाया जाएगा. यहां
से नहरों के जरिए इसे विभिन्न सूखाग्रस्त इलाकों और शहरों को पानी भेजा जाएगा. इस परियोजना के तहत 13 जिलों में पानी की सप्लाई की जाएगी. इसके अलावा हैदराबाद और सिकंदराबाद में पीने का पानी और कई जिलों में फैक्ट्रियों को भी इसके जरिए पानी सप्लाई किया जाएगा.
MEIL के निदेशक बी. श्रीनिवास रेड्डी ने कहा, यह मेरे लिए सौभाग्य और ताउम्र के लिए एक सुखद मौका है कि इंजीनियरिंग करिश्मे को कार्यरूप देने का काम किया. हमने दुनिया की सबसे बड़ी पंपिंग योजना का निर्माण किया. हम गुणवत्ता से बिना समझौता किए समयबद्ध तरीके से तमाम एजेंसियों और मानवश्रम को साथ लेते हुए एक विश्व स्तरीय तकनीक के जरिए इस परियोजना को पूरा किया है. इस कलेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना के जरिए तीन राज्यों को पानी मिल सकेगा.
बता दें कि तेलंगाना एक ऐसा राज्य है, जिसे गोदावरी जैसी समृद्ध नदी होने के बावजूद पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा था. आंध्र प्रदेश से अलग राज्य की एक मांग के पीछे तेलंगाना के लोगों के लिए पानी का संकट भी एक प्रमुख कारण था. आए दिन इस राज्य से आने वाली किसानों के आत्महत्या के वजह पानी का संकट रहा है.
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