भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने वाले चंद्रबाबू नायडू को लगा तीसरा बड़ा झटका

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भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने वाले चंद्रबाबू नायडू को लगा तीसरा बड़ा झटका

21-06-2019 16:41:48

आम चुनावों से पहले तक भविष्य के ‘किंग मेकर' नजर आ रहे टीडीपी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू को तीसरा बड़ा झटका लगा है। राज्य की सत्ता गंवाने और लोकसभा चुनाव में भारी हार के बाद अब पार्टी भी टूट गई है। जिन चार सांसदों ने पार्टी छोड़ी है, वे सभी नायडू के भरोसे के थे। जाहिर है कि नायडू के लिए मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

चंद्रबाबू नायडू ने चुनाव से पूर्व विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश की थी। वे चुनाव के दौरान भी सरकारी हवाई जहाज लेकर कोलकात्ता और दिल्ली के चक्कर काटते रहे।

नायडू चुनाव से पूर्व विपक्ष को साथ खड़ा करने में विफल रहे। कारण कई थे। जैसे विपक्ष में कई दल ऐसे थे जो राज्यों में एक दूसरे के विरोधी थे। उसी दौरान तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर राव भी संघीय मोर्चे की मुहिम चला रहे थे। इधर, नायडू विपक्ष को एकजुट कर दिल्ली में भाजपा को घेरने की कोशिश कर रहे थे। तो उधर, केसीआर राव ने जगनमोहन रेड्डी को समर्थन देकर नायडू की मुश्किलें उन्हीं के घर में बढ़ा दी। आंध्र प्रदेश के कई सीटों पर तेलंगाना के मतदाताओं की भी तादात है।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि उनकी मुश्किलें यहीं खत्म नहीं होने वाली। राज्य में जगनमोहन रेड्डी सरकार लगातार उनके फैसलों की समीक्षा कर रही
है और कई अहम निर्णयों को रद्द किया गया है। खबरें यहां तक हैं कि कुछ फैसलों को लेकर आने वाले दिनों में नायडू को कटघरे में भी खड़ा किया जा सकता है।

अपनी मौजूदा स्थिति के लिए नायडू की राजनीतिक महत्वाकांक्षा भी कम जिम्मेदार नहीं है। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे को लेकर उन्होंने भाजपा से हाथ मिलाया और सराकर में शामिल हो गए। लेकिन जब यह दर्जा नहीं मिला तो वह विपक्ष को एकजुट करने में *लग गए।

चुनाव से पहले वह कांग्रेस के साथ हो गए। जबकि आंध्र प्रदेश में कांग्रेस को राज्य के विभाजन के लिए जिम्मेदार माना जाता है। गलत वक्त पर लिए गए फैसलों के कारण नायडू प्रदेश में ही नहीं पार्टी के भीतर भी अलोकप्रिय हो गए। नायडू हालांकि ऐसी परिस्थितियों से पहले भी दो-चार हो चुके हैं। 2004 और 2009 में भी उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था। प्रश्न यह है कि क्या वह फिर से खड़े हो पाएंगे ?

टीडीपी की मौजूदा राजनीतिक स्थिति:

लोकसभा

03 सीटें ही जीत पाई राज्य की 25 लोकसभा सीटों में से

15 सीटें जीती थी 2014 के लोकसभा चुनाव में

आंध्र प्रदेश विधानसभा

23 सीटों पर ही जीत हासिल की टीडीपी ने 175 सीटों में

126 सीटें जीती थी पिछले चुनाव में चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने


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