समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से सांसद आजम खान की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. किसानों की जमीन कब्जाने के मामले में आजम खान पर तीन और एफआईआर दर्ज हो गई हैं. यह एफआईआर जौहर यूनिवर्सिटी मामले से जुड़ी हैं, जिनमें सपा सांसद आजम खान पर किसानों की जमीन को कब्जाने का आरोप है. आजम खान पर वहां के स्थानीय किसानों ने एफआईआर दर्ज करवाई हैं.
उत्तर प्रदेश पुलिस में एसपी अजय पाल शर्मा ने आजम खान के खिलाफ दर्ज मामलों के बारे में आजतक को विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि एफआईआर में आजम खान के साथ रामपुर के पूर्व सीओ (रिटायर्ड) आले हसन और रामपुर में तैनात तत्कालीन इंस्पेक्टर कुशलवीर का भी नाम है. उन्होंने बताया कि किसानों के आरोपों को राजस्व विभाग ने जांच में सही पाया जिसके बाद आजम के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुईं.
किसानों ने आजम खान पर आरोप लगाया कि उन्होंने जमीन न देने पर चरस और
अफीम के झूठे मुकदमों में फंसाया गया. किसानों को अवैध तरीके से पुलिस हिरासत में रखा गया और उनके परिवार वालों को परेशान किया गया. आजम खान की शह पर तत्कालीन इंस्पेक्टर ने कई किसानों को फर्जी मुकदमों में जेल भी भेजा गया ताकि वो अपनी जमीन दे दें. उन सभी मुकदमों की फिर से जांच की जा रही है जिस इंस्पेक्टर ने आजम की शह पर किसानों पर मुकदमे दर्ज किए उससे पुलिस ने पूछताछ की.
इससे पहले किसानों की जमीन कब्जाने को लेकर आजम खान पर रामपुर के अलग-अलग थानों में 23 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं. जिनके मुताबिक आजम खान ने किसानों को चरस और अफीम के केस में फंसा देने का डर दिखा कर उनकी जमीन को कब्जाया. वहीं, प्रवर्तन निदेशालय भी इस मामले को लेकर सक्रीय हुआ. सूत्रों के मुताबिक ईडी ने रामपुर पुलिस और प्रशासन से आजम खान पर दर्ज एफआईआर और तमाम जमीन मामलों से जुड़ी पूरी जानकारी मांगी.
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