केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने को केंद्र का एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए मंगलवार को कहा कि कांग्रेस को जम्मू कश्मीर और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों पर एक स्वर में बोलना चाहिए. केंद्र की ओर से जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किये जाने के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद को सौंपे गए ‘डोजियर' में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और नेशनल कान्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला की टिप्पणी कथित रूप से होने के बारे में पूछे गए एक सवाल पर सीतारमण ने मीडिया से कहा कि विपक्षी दल को स्थिति का मूल्यांकन करना चाहिए.
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस दस्तावेज पर टिप्पणी करते हुए मुखर दिखीं. उन्होंने चेन्नई में राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके बयान भारत से ज्यादा पाकिस्तान की मदद करते हैं.साथ ही उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस नेतृत्व को कृपया देखना चाहिए कि देश में क्या हो रहा है और जम्मू कश्मीर और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों पर एक स्वर में
बोलना चाहिए.' सीतारमण ‘सरकार द्वारा 100 दिन के दौरान उठाये गए साहसी कदमों' के बारे में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त करना केंद्र का एक महत्वपूर्ण निर्णय था जिससे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण के लाभ का मौका मिला.न्यूज एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक दस्तावेज में राहुल गांधी का हवाला देते हुए लिखा है, '20 दिनों से जम्मू-कश्मीर के लोगों की आजादी और नागरिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगा हुआ है. जब हमने श्रीनगर जाने की कोशिश की तो देखा कि विपक्ष के नेताओं और प्रेस को क्रूर प्रशासन और कठोर बल का सामना करना पड़ रहा है.' वहीं, दस्तावेज में उमर अब्दुल्ला के हवाले से भी कहा गया, 'भारत सरकार के एकतरफा और चौंकाने वाले निर्णय के दूरगामी और खतरनाक परिणाम होंगे. यह कश्मीरियों के खिलाफ एक आक्रामकता है. निर्णय एकतरफा अवैध और असंवैधानिक है. झूठ से आगे एक लंबी और कठिन लड़ाई है और हम इसके लिए तैयार हैं.
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