यह मेरी कहानी है जी हाँ मैं आपकी बेटी जो स्कूल मे पढ़ायी करने चहकते हुए जाती थी पर आज तो चारो ओर बहशी दरिंदे घूमते नज़र आ रहे है . मेरा बचपन भी अब खतरे मे है पापा मुझे दूर ले चलो कही यहाँ से. अब यह तो हमको जलाने भी
लगे है और पुलिस अंकल तो पता नहीं अपनी बच्चियो को कैसे सुरक्षित करेगे जब वो बिना डरे इतने बेरहम होते जा रहे है और अपराध रोकना तो दूर उसकी रपट भी नही लिखने को तैयार है अब आप आ जाओ पापा ना मुझे बस आपके अलावा किसी के भी साथ नहीं रहना ।
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