नागरिकता कानून पर देश भर के कई हिस्सों में हो रहे प्रदर्शन के बीच बीजेपी के लिए अच्छी खबर नहीं है। असम में भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली सरकार में सहयोगी असम गण परिषद ने नागरिकता कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला लिया है। समाचार अजेंसी ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी असम गण परिषद (एजीपी) संशोधित नागरिकता कानून को रद्द करने के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करेगा। बता दें कि असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध हो रहा है।
बता दें कि इससे पहले असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने एक वीडियो संदेश के जरिए आम लोगों से असम में शांति की अपील की है। बता दें कि नागरिकता कानून का असम के साथ-साथ मेघालय, त्रिपुरा, बंगाल समेत देश के कई हिस्सों में जोरदार प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। यही वजह है कि आज सर्बानंद सोनोवाल की अगुआई में एक टीम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात करने वाली है।
मुख्यमंत्री सोनोवाल ने अपना वीडियो संदेश में कहा है कि -हम सभी वास्तविक भारतीय नागरिकों और असम के लोगों के अधिकारों की
रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं, मैं समाज के सभी वर्गों से आह्वान करता हूं कि वे ऐसे तत्वों को विफल करें जो नागरिकता संशोधन विधेयक पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं और हिंसा में लिप्त हैं, चलिए हम सब मिलकर असम की विकास यात्रा जारी रखते हैं।
गौरतलब है कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ जिले के कुछ हिस्सों में लगाए गए कर्फ्यू में रविवार को कुछ घंटों के लिए ढील दी गई। हालांकि, असम में 16 दिसंबर तक इंटरनेट सेवाओं पर रोक है। असम पर्यटन विभाग ने रेलवे के सहयोग से विशेष ट्रेनों का प्रबंध किया है ताकि राज्य के विभिन्न हिस्सों में फंसे यात्रियों को उनके गंतव्य तक ले जाया जा सके।
एक अधिकारी ने बताया कि गुवाहाटी में सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई है। डिब्रूगढ़ पश्चिम के नहरकटिया और तेनुघाट क्षेत्रों में सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि कानून-व्यवस्था की समस्या के कारण छह उड़ान सेवाएं रद्द करनी पड़ी है, जिसमें भूटान के पारो जाने वाली उड़ान भी शामिल हैं।
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